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नागपुर. शहर के विभिन्न इलाकों में खाली पड़ी संपत्तियों के फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन हड़पने वाली भूमाफिया गैंग के खिलाफ सिटी पुलिस ने मोका लगा दिया है. इस कार्रवाई से अपराधियों में खलबली मच गई है. प्रकरण में 18 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. कुछ आरोपी जेल में बंद है और कुछ को जमानत मिल चुकी है.

पुलिस उनकी जमानत रद्द करवाकर दोबारा गिरफ्तारी की तैयारी भी कर चुकी है. पकड़े गए आरोपियों में गोधनी निवासी प्रवीण मोरेश्वर सहारे (46), बेसा निवासी इमाम खान अब्दुल रहीम खान (33), मनीषनगर निवासी पवनकुमार कालकाप्रसाद जंगेला (34), परसोड़ी, वर्धा रोड निवासी कौशल संजय हिवंज (22), गोपालनगर निवासी अथर्व श्रीकृष्ण भाग्यवंत (22), अभ्यंकर चौक, उमरेड निवासी प्रतिभा विलास मेश्राम (46), लालगंज निवासी कार्तिक उर्फ रजत शिवराम लोणारे (30), स्नेहदीप कॉलोनी, सीएमपीडीआई रोड निवासी सिद्धार्थ वासुदेव चव्हाण (40), कसारपुरा, हंसापुरी निवासी मोहम्मद रियाज उर्फ बबलू अब्दुल रउफ (54), स्वागतनगर, काटोल रोड निवासी नासिर हसन खान (45), संजयबाग कॉलोनी, यशोधरानगर निवासी इमरान अली अख्तर अली (43), सुजाता लेआउट, भामटी रोड निवासी साहिल बिलाल शेख (23), सल्फियाबाग, कोराडी रोड निवासी मोहिन अली मेहम्मद अली (32), भानखेड़ा, मोमिनपुरा निवासी इरशाद अहमद निसार अहमद (45), शंकरपुर, बेलतरोड़ी निवासी भूपेश कवड़ू शिंदे (40), बिनाली, सिवनी निवासी नारायण वर्मा (40), विजय उइके और महात्मा फुलेनगर, रामेश्वरी निवासी रुपेश अरुण वारजुरकर (34) का समावेश हैं.

ज्ञात हो कि 6 नवंबर 2023 को पुलिस ने नवजीवन कॉलोनी, गजानननगर निवासी निशा राजकुमार जाजू (63) की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. निशा के नाम पर मौजा नारा में 3,000 वर्ग फुट का प्लॉट था. आरोपियों ने उनके प्लॉट के फर्जी दस्तावेज तैयार किए. निशा की जगह प्रतिभा को दुय्यम निबंधक कार्यालय में खड़ा कर इमाम खान को 5 लाख रुपये में प्लॉट बेच दिया. इसकी जानकारी मिलने के बाद निशा और उनके पति ने जांच पड़ताल की और ठगी सामने आई. जांच के दौरान एक के बाद एक आरोपियों की सहभागिता सामने आई. सबसे पहले निशा के नाम पर द महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक, बैरामजी टाउन में खोले गए फर्जी खाते से रकम निकालने का प्रयास करते समय प्रवीण सहारे को अरेस्ट किया गया.

रजिस्ट्रार कार्यालय का कर्मचारी भी शामिल

इस गैंग का मुखिया इमाम खान बताया जा रहा है. आरोपियों के घर और वाहनों की तलाशी लेने पर जमीनों की रजिस्ट्री, फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, सेल डीड के कोरे नमूने, एनआईटी की जमीनों की फाइल, जमीनों के ओरिजिनल कागजात, एनए ऑर्डर के फर्जी कागज, नकली नोट, फर्जी स्टैंप पेपर और टिकटें भी बरामद हुईं. जांच में पता चला कि दुय्यम निबंधक कार्यालय में काम करने वाले कार्तिक उर्फ रजत लोणारे आरोपियों को जमीनों की ओरिजिनल फाइलें निकालकर देता था जिसके आधार पर फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे. जोन 2 के डीसीपी राहुल मदने ने बताया कि सदर थाने में दर्ज मामले की जांच के दौरान पता चला कि उपरोक्त आरोपियों ने इसी तरह आपराधिक षड्यंत्र रचकर कई जमीनें हथियाई हैं.

क्रिमिनल रिकार्ड खंगालने पर पता चला कि आरोपियों ने संगठित रूप से इसके पहले भी अपराधों अंजाम दिया है. इसीलिए उन पर मोका लगाने का प्रस्ताव डीआईजी प्रमोद शेवाले को भेजा गया. उन्होंने सभी 18 आरोपियों के खिलाफ मोका लगाने के आदेश दिए हैं. मदने ने बताया कि 5 आरोपी अब भी जेल की हवा खा रहे हैं जबकि अन्य को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. अब मोका के तहत मामला दर्ज होने के बाद सभी की जमानत रद्द करने की अपील कोर्ट से की गई है. इसके अलावा जेल में बंद आरोपियों को भी नोटिस जारी किए गए हैं. जल्द ही पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर मोका के तहत जांच शुरू करेगी.