प्रतीकात्मक फोटो
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नागपुर. निवेश के नाम पर लोगों को ठगने और लूटने वाले परवेज उर्फ पप्पू पटेल आखिर पुलिस की गिरफ्त में आ गया. आला अधिकारियों द्वारा हड़काए जाने के बाद विगत 21 अक्टूबर को नंदनवन पुलिस ने पप्पू और उसकी गैंग के इरशाद, अब्दुल वसीम, अकील उर्फ गुड्डू पटेल और उमेशकुमार यादव के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था.

प्रकरण दर्ज होने की खबर मिलते ही पप्पू और उसके साथी अंडरग्राउंड हो गए. बुधवार को उसके शहर में होने की जानकारी मिलते ही नंदनवन पुलिस ने जाल बिछाकर पप्पू को गिरफ्तार किया. पप्पू नकली नोटों के बहाने करोड़ों रुपयों की ठगी और लूट को अंजाम दे चुका है. वह लोगों को नकली नोट बताकर असली नोट बाजार में चलाने देता था. नोट चलने पर लोगों को विश्वास हो जाता था. इसके बाद मोटी रकम की डील होती थी और इसी दौरान नकली पुलिस का छापा पड़ता था और सारी रकम पप्पू की गैंग पचा लेती थी.

आला अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद नंदनवन पुलिस ने मई महीने में पप्पू के खिलाफ मामला दर्ज किया था. वह कुछ समय में ही जेल से जमानत पर बाहर आ गया और दोबारा सक्रिय हो गया. इस बीच एटीएस को जानकारी मिली कि पप्पू नकली नोटों का धंधा करता है. विगत 18 अक्टूबर को एटीएस की टीम ने पप्पू के हसनबाग स्थित बिलाल इंटरप्राइजेस नामक कार्यालय में छापा मारा. तलाशी के दौरान 27.50 लाख रुपये मिले. इस रकम के बारे में भी पप्पू कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया.

पप्पू पर कार्रवाई होने की जानकारी मिलते ही विक्रम हसोरिया नामक पीड़ित व्यक्ति ने एटीएस कार्यालय में संपर्क किया. हसोरिया ने बताया कि पप्पू और उसकी गैंग ने उनके और रिश्तेदारों के 50 लाख रुपये पचा लिए. एटीएस ने पीड़ित को नंदनवन पुलिस से शिकायत करने को कहा और नया मामला दर्ज किया गया. पप्पू और उसका भाई गुड्डू पटेल बचने के लिए कई लोगों की शरण में गए लेकिन मदद नहीं मिली. बुधवार को पुलिस ने पप्पू को गिरफ्तार कर लिया.