coronavirus
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    • 691 जिले में मिले पॉजिटिव 
    • 118 ग्रामीण में पाये गये
    • 549 सिटी में मिले 
    • 2,609 एक्टिव केसेस

    नागपुर. जिले में भले ही कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन रिकवर होने वालों की संख्या भी अधिक है. 90 फीसदी से अधिक संक्रमित होम आइसोलेशन में रहकर ही ठीक हो रहे हैं. इतना ही नहीं तीन दिनों तक नियमित औषधोपचार के बाद रिपोर्ट निगेटिव आ रही है. जिले में स्थिति सामान्य होने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केवल 62 मरीज अस्पतालों में भर्ती है. मेडिकल और मेयो में तो महज 10 ही मरीज है. जबकि एम्स में भी संख्या कम होकर अब 47 पर आ गई है. 

    जनवरी में संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ ही विशेषज्ञों ने अध्ययन के आधार पर दावा किया था कि नया वैरिएंट प्रभावी नहीं है. मामूली सर्दी, जुकाम की तरह संक्रमण फैलेगा और जल्द ही ठीक भी हो जाएगा. अब तक स्थिति बिल्कुल उसी तरह की बनी हुई है. दूसरी लहर में परिवार के किसी एक सदस्य को कोरोना होने पर अन्य सदस्य भी संक्रमित होते थे, लेकिन इस बार वैसा देखने को नहीं मिल रहा है. इसके बाद भी प्रशासन द्वारा तरह-तरह की पाबंदियां लगाई जा रही है. 

    जिले में स्थिति गंभीर नहीं

    शनिवार को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में 691 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई. इनमें ग्रामीण में 118 और सिटी में 549 संक्रमित पाये गये. जबकि 24 संक्रमित बाहर के थे. इसी तरह एक्टिव केसेस 2,609 हो गई है. जबकि चौबीस घंटे के भीतर 9,183 लोगों की जांच की गई. डॉक्टरों की मानें तो अब तक वाइरस ने अपना नेचर नहीं बदला है. यही वजह है कि पॉजिटिव से निगेटिव होने का अनुपात अधिक है. अब भी ऑक्सीजन और आईसीयू की जरूरत नहीं पड़ रही है. जिस तरह की स्थिति दूसरी लहर के दौरान देखने को मिली थी उस तरह की स्थिति अब तक जिले में नहीं बनी हुई है. डॉक्टरों की मानें तो फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है. जबकि सावधानी और सतर्कता से बीमारी को हराया जा सकता है.

    निजी अस्पतालों में 5 मरीज भर्ती 

    फिलहाल कोरोना भयंकर स्थिति में नहीं पहुंचा है. शनिवार को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सिटी के केवल 4 प्राइवेट अस्पतालों में ही 5 मरीज भर्ती थे. जबकि मेडिकल, मेयो और एम्स मिलाकर 57 मरीज भर्ती थे. एमएलए होस्टल में 18 संक्रमितों को रखा गया है. ओमिक्रॉन के मरीज भी जल्दी ठीक हो रहे हैं. शुरुआत में ओमिक्रॉन को लेकर दहशत निर्माण की गई, लेकिन अब ओमिक्रॉन के अधिकांश मरीज तीन दिन के भीतर ही ठीक हो रहे हैं.