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नागपुर. नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा इस सत्र की प्रवेश सहित परीक्षा शुल्क नये सिरे से निर्धारित किया गया है लेकिन अनेक प्रोफेशनल पाठ्यक्रम वाले छात्रों से अधिक शुल्क वसूली की शिकायतें मिल रही हैं. इस संबंध में विवि प्रशासन भी मौन साधे हुये हैं. पिछले सप्ताह विवि ने शुल्क वृद्धि के बारे में अधिसूचना जारी की. प्रवेश के दौरान छात्रों से विविध तरह की शुल्क ली जाती है. इसमें विविध स्पर्धाओं सहित पहचान पत्र शुल्क का भी समावेश होता है. पहचान पत्र कॉलेजों द्वारा उपलब्ध कराया जाता है.

इसके लिए कुछ कॉलेजों में 150 रुपये से अधिक शुल्क वसूला जा रहा है. वहीं विवि ने 50 रुपये के भीतर ही शुल्क तय किया गया है. अधिकांश कॉलेजों की सेमेस्टर फीस 2,400 रुपये तक होती है लेकिन ऑटोनॉमस कॉलेजों में शुल्क अधिक होता है. किसी भी कॉलेज का सेमेस्टर शुल्क समान नहीं है. हालांकि ऑटोनॉमस होने से कॉलेजों को शुल्क निर्धारित करने का अधिकार है लेकिन इसके बारे में विवि को अवगत कराना भी आवश्यक है.

इस संबंध में विवि के संबंधित विभाग से संपर्क करने पर बताया गया कि ऑटोनॉमस कॉलेजों द्वारा वसूली जाने वाली शुल्क की जानकारी नहीं होती. दरअसल ऑटोनामस कॉलेजों द्वारा परीक्षा लेने और परिणाम तैयार की जिम्मेदारी खुद की ही होती है. यही वजह है कि सभी जगह अलग-अलग शुल्क वसूला जाता है. एक ओर जहां अनुसूचित जाति के छात्रों को पिछले दो वर्ष से शुल्क का अनुदान नहीं मिला है, वहीं दूसरी ओर कॉलेजों द्वारा हर वर्ष शुल्क बढ़ाना छात्रों पर बोझ बढ़ाने जैसा है.