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    नागपुर. हैद्राबाद के दंपति को 7 लाख रुपये में नवजात बच्चे को बेचने के मामले में पुलिस ने अब बच्चे की असली मां को गिरफ्तार किया. जांच में खुलासा हुआ कि बच्चा नागपुर के ही प्रेमी युगल का था. दोनों गर्भपात करवाने आए थे लेकिन डॉक्टर विलास भोयर (38) ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. पैसे कमाने की लालच दी. जांच में पता चला कि शादी के पहले प्रेमी युगल ने शारीरिक संबंध बनाए.

    22 वर्षीय युवती गर्भवती हो गई. जब तक उसे पता चला 5 महीने बीते चुके थे. ऐसे में प्रेमी ने गर्भपात के लिए डॉक्टर की तलाश शुरू की. इसी बीच युवती आरोपी नरेश उर्फ ज्ञानेश्वर राऊत (48) के संपर्क में आई. नरेश ने युवक-युवती को डॉ. भोयर से मिलवाया. दोनों ने भोयर से गर्भपात की बात की लेकिन भोयर ने कहा कि अब काफी समय बीत गया है. अबॉर्शन करना संभव नहीं है. उसने दोनों को पैसे की लालच दी. उन्हें कहा कि गया कि बच्चे के जन्म की बात किसी को पता नहीं चलेगी.

    प्रसूति के बाद बच्चे को हैद्राबाद की दंपति को देंगे. इसके लिए 3 लाख रुपये भी मिलेंगे. दोनों वैसे ही बच्चा नहीं चाहते थे. ऊपर से पैसे भी मिल रहे थे. लालच के चलते दोनों ने हामी भर दी. बच्चे को जन्म देते ही प्रेमी युगल पुणे निकल गए. डॉ. भोयर ने हैद्राबाद की प्राध्यापक दंपति से 3 लाख रुपये प्रेमी युगल को दिलाए और खुद 7 लाख रुपये लिए. युवती पुलिस के हाथ लग गई है.

    अब आरोपी युवक की तलाश कर रही है. सैरोगेसी के नाम पर यह गोरखधंधा चल रहा है. जानकारी मिली है कि भोयर ऐसे ही प्रेमी युगल की तलाश या नाबालिग गर्भवती युवतियों की तलाश में रहता था. इस काम में उसने नरेश और राहुल निमजे को भी लगा रखा था. जांच में और भी कांड सामने आ सकते हैं.