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    • 01 ग्रामीण में मिला था 
    • 4,394 की जांच 24 घंटे में की गई
    • 70 एक्टिव केस अब भी हैं 

    नागपुर. सरकार भले ही कोरोना की तीसरी लहर की संभावना व्यक्त करे लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि अगले 1-2 महीने स्थिति सामान्य रहेगी. साथ ही अप्रैल-मई जैसी भयावह स्थिति भी नहीं बनेगी. वैसे भी जिले में पिछले महीने से मरीजों की संख्या 1-15 के बीच ही रही है. वहीं मृत्यु एक भी नहीं हुई.

    इस बीच पिछले 24 घंटे के भीतर जिले में कोई भी पॉजिटिव नहीं आया. पिछले वर्ष से मार्च से शुरू हुए कोरोना के बाद बुधवार को पहला अवसर रहा कि जब जिले में कोई भी पॉजिटिव मरीज नहीं मिला. इससे साफ हो गया है कि अब जिला कोरोना मुक्ति की दिशा में है. 

    नागपुर जिले में सबसे पहला कोरोना संक्रमित मरीज 11 मार्च 2020 में मिला था. इसके बाद धीरे-धीरे कुछ मरीज मिलते रहे. 17 मई से हर दिन संक्रमित सामने आते गए और यह आंकड़ा बढ़ता गया. नवंबर-दिसंबर में हालात सामान्य होने लगे. लेकिन इस वर्ष मार्च से फिर से मरीज बढ़े और अप्रैल-मई में कोरोना ने हाहाकार मचा दिया.

    इस वर्ष अगस्त के महीने में एक दिन पहली बार सिटी में कोई भी पॉजिटिव नहीं मिला था. जबकि जिले में एकमात्र पॉजिटिव आया था. इसके बाद से स्थिति सामान्य जैसी ही रही. सितंबर के शुरुआत में कुछ दिन 15 से अधिक मरीज मिलने पर प्रशासन की चिंता एक बार फिर बढ़ गई थी लेकिन अगले ही दिन से आंकडा फिर घटने लगा. 

    फिर भी सावधानी जरूरी 

    जिले में बुधवार को 4,394 नमूनों की जांच की गई. इनमें 1,096 ग्रामीण और 3,298 लोग सिटी के रहे. इनमें कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया. इस बीच 11 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया. इससे रिकवरी रेट 97.93 फीसदी रहा. वर्तमान में एक्टिव मरीज 70 हैं जिनमें 11 ग्रामीण, 58 शहर और 1 जिले के बाहर का हैं.

    सभी मरीज कोविड केयर सेंटर, शासकीय व निजी अस्पताल में भर्ती हैं. हालांकि जिले में कोई भी पॉजिटिव नहीं मिलने से प्रशासन सहित डॉक्टरों ने भी राहत की सांस ली है लेकिन अगले कुछ महीनों तक सावधानी और सतर्कता बरतने की अपली की गई है. अब भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य है.