Dharmesh Dhawankar

    Loading

    नागपुर. आरटीएम नागपुर विवि के जनसंवाद विभाग के प्रा. धर्मेश धवनकर द्वारा 7 विभाग प्रमुखों को कार्रवाई का डर बताकर उनसे 15 लाख से अधिक रकम वसूलने के मामले की जांच के लिए गठित प्राथमिक जांच समिति की रिपोर्ट आ गई है. समिति ने धवनकर को दोषी पाया है. अब विभागीय जांच की जाएगी. यह जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश द्वारा होगी. इस बीच धर्मेश को निलंबित किया जाना तय माना जा रहा है.

    विवि ने फिलहाल धवनकर को सख्ती की छुट्टी पर भेज दिया है. प्रकरण उजगार होने के करीब एक महीने बाद प्राथमिक जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश अजय चाफले की समिति गठित की गई थी. समिति ने अपनी रिपोर्ट उपकुलपति को सौंप दी है.

    समिति ने शिकायतकर्ताओं से उनका बयान दर्ज कराया. सभी ने एक सुर में कहा कि धवनकर ने लैंगिक शोषण के मामले में उन्हें फंसाने का डर बताकर रकम वसूली की थी. चाफले की समिति ने अब धवनकर की विभागीय जांच की सिफारिश की है. अब विवि द्वारा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की एक समिति स्थापित की जाएगी.

    अब निलंबन की होगी कार्रवाई

    इस बीच धवनकर ने खुद को बचाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किये. उनके समर्थक भी अधिकारियों से लेकर नेताओं तक गुहार लगाते रहे लेकिन अब मामला गंभीर हो गया है. जांच समिति द्वारा मुहर लगाये जाने के बाद अब धवनकर का प्राध्यापक पद पर बने रहना योग्य नहीं है. साथ ही सेवा में रहते हुए वह दबाव डालकर जांच को प्रभावित भी कर सकता है. यही वजह है कि अब धवनकर को निलंबित किया जा सकता है.