Nurses Strike
File Photo : PTI

  • नर्सों की हड़ताल के पहले ही बिगड़ने लगे हालात

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  • 200 से ज्यादा ऑपरेशन टले
  • 50 से अधिक मरीजों की मौत 

नागपुर. नर्सों की हड़ताल से मेयो, मेडिकल और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हालात बिगड़ने लगे हैं. कैजुअल्टी में मरीजों की भीड़ के बाद भी उन्हें देखने वाला कोई नहीं है. वार्डों में मरीजों को सलाइन कौन लगाएगा, इंजेक्शन कौन देगा, यह सवाल गंभीर हो गया है. पिछले तीन दिनों के भीतर तीनों जगह 200 से अधिक नियोजन ऑपरेशन टाल दिये गये. इस दौरान 50 से अधिक मरीजों की मौत भी हो गई.

दो दिनों तक कामबंद आंदोलन के बाद शनिवार से नर्सों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. इस बीच केवल इमरजेंसी ऑपरेशन ही हो रहे हैं. जबकि मेजर ऑपरेशन पर ब्रेक लग गया है. मरीजों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है. मेडिकल के 52, मेयो के 30 और सुपर के 7 वार्डों में नर्सें नहीं है. कैजुअल्टी में आने वाले मरीजों का पंजीयन नर्सों द्वारा ही किया जाता है. साथ ही इंजेक्शन लगाने से लेकर ड्रेसिंग भी नर्से ही करती हैं. यहां मरीजों को घंटों प्रतीक्षा करना पड़ रहा है.

निवासी डॉक्टरों पर जिम्मेदारी

नर्सों की हड़ताल से निवासी डॉक्टरों पर बोझ बढ़ गया है. स्थिति यह है कि सभी सीनियर निवासी डॉक्टरों सहित जूनियर की चौबीस घंटे ड्यूटी लगा दी गई है. अपना काम करने के बाद नर्सों का भी काम निवासी डॉक्टरों को ही करना पड़ रहा है. वार्डों में एक तरह से अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है. विविध वॉर्डों में दवाई लाने, सर्जिकल साहित्य सहित अन्य वस्तुएं भी निवासी डॉक्टरों को ही लाना पड़ रहा है. प्रसूति वार्ड और बालरोग विभाग में सबसे अधिक दिक्कतें आ रही है क्योंकि इन वार्डों की नर्सों की सख्त आवश्यकता होती है.

नर्सिंग छात्रों की नहीं लगी ड्यूटी 

हालांकि मेडिकल प्रशासन द्वारा बीएससी और एमएससी नर्सिंग के छात्रों की डयूटी लगाने की बात कही गई थी लेकिन अधिकृत सूचना नहीं मिलने से उक्त छात्र भी नहीं आ रहे हैं. इस बीच आईसीयू में भर्ती मरीजों की आफत बढ़ती जा रही है. बताया गया कि मेडिकल, मेयो और सुपर मिलाकर पिछले 3 दिनों के भीतर 50 से अधिक मरीजों की मौत हो गई है. माना जा रहा है कि तत्काल सेवा नहीं मिलने की वजह से मरीजों की हालत गंभीर होती जा रही है.