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नागपुर. बंगले बनाकर देने का लालच देकर लोगों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी किए जाने को लेकर मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए महाराजा डेवलपर्स के संचालक विजय डांगरे की ओर से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था जहां हाल ही में चार्जशीट दायर किए जाने की जानकारी उजागर होने के बाद याचिका वापस ली गई. साथ ही निचली अदालत में जमानत के लिए अर्जी भी दायर की गई. निचली अदालत में अर्जी पर सुनवाई के बाद अब डांगरे को राहत प्रदान करते हुए 1 लाख रु. के निजी मुचलके पर जमानत पर मुहर लगाई गई. डांगरे की ओर से अधि. प्रकाश जायसवाल ने पैरवी की. शिकायत मिलने के बाद सक्करदरा पुलिस ने धारा 420, 409, 468, 471, 504, 506 बी के तहत मामला दर्ज किया था.

दस्तावेजी सबूत, जांच पूरी

सुनवाई के दौरान अधि. जायसवाल ने कहा कि अभियुक्त पर जो भी धाराएं लगाई गई हैं, प्राथमिक स्तर पर इन धाराओं के अनुसार कोई भी मामला नहीं बनता है. पूरा मामला ही दस्तावेजी सबूतों के आधार पर बनाया गया है. यहां तक कि जांच भी पूरी हो चुकी है. जांच अधिकारी की ओर से मामले से संबंधित सभी दस्तावेज भी जब्त कर लिए गए हैं जिससे अभियुक्त को अनिश्चितकाल के लिए इस तरह से बिना राहत नहीं रखा जा सकता है. सुनवाई के बाद अदालत ने आदेश में कहा कि न केवल जांच पूरी हो चुकी है बल्कि चार्जशीट भी दायर की गई है. हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी जहां हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत निश्चित की थी. 

अभियुक्त के खिलाफ झूठे आरोप

सुनवाई के दौरान अधि. जायसवाल ने कहा कि अभियुक्त को झूठे आरोप लगाकर फंसाया गया है. केवल बदनाम करने के इरादे से इस तरह की शिकायत दर्ज की गई है जबकि वास्तविक रूप में याचिकाकर्ता अच्छे परिवार से है. यहां तक कि समाज में एक अहम स्थान भी है. जांच पूरी हो चुकी है. अत: अभियुक्त की कस्टडी की भी आवश्यकता नहीं है. भविष्य में भी जांच में पूरी तरह से सहयोग करने का आश्वासन अदालत को दिया गया. सुनवाई में दोनों पक्षों की दलीलों के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किया.