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प्रतीकात्मक तस्वीर

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नागपुर. समाज कल्याण विभाग में उस समय हड़कम्प मच गया जब महिला बचत गटों को दिए जाने वाले कृषि उपकरण सेट की आपूर्ति में  भी बड़ा घोटाला होने का मामला उजागर हुआ. हाल ही में विभाग के अंतर्गत कई भारी अनियमितताएं हुई थीं. इन मामलों की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है कि यह नया घोटाला सामने आ गया. पूरे मामले की जांच विभाग की ओर से शुरू होते ही तमाम संबंधित अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई. बताया जाता है कि वर्ष 2021-22 में समाज कल्याण विभाग के माध्यम से जिले के 100 महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि उपकरण उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई थी.

8.71 करोड़ निधि मिली

प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना को पूरा करने के लिए मिनरल फाउंडेशन से 8.71 करोड़ की निधि प्राप्त हुई. प्रत्येक महिला स्वयं सहायता समूह को 8.71 लाख की सामग्री दी जानी थी. इसके लिए सभी तहसीलों में महिला स्वयं सहायता समूहों का चयन किया गया लेकिन उमरेड तालुका में महिला स्वयं सहायता समूहों को सामग्री नहीं मिली. महिला स्वयं सहायता समूह ने इसकी शिकायत संभागीय आयुक्त, जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी से की. उन्होंने समाज कल्याण विभाग में संबंधित शिकायत दर्ज कराई. जानकारी के अनुसार सामग्री आपूर्ति का काम ‘साई’ नामक कंपनी को दिया गया था. ये सामग्रियां 90 प्रतिशत अनुदान पर दी गईं. 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करने के पश्चात अनुदान की राशि लाभार्थी स्वयं सहायता समूह के खाते में जमा कर दी जाती थी.

दोषपूर्ण बताकर वापस भेजी सामग्री

प्राप्त जानकारी के अनुसार आपूर्तिकर्ता द्वारा स्वयं सहायता समूहों को कुछ सामग्री दी गई लेकिन इसे दोषपूर्ण बताकर वापस भेज दिया गया. यदि कुछ सामग्री है तो उसे अनुपयोगी माना जाता है, इसलिए स्वयं सहायता समूहों को कोई सामग्री नहीं मिली. बताया जाता है कि पूरे मामले में कई अधिकारी और कर्मचारियों तक आंच पहुंचने की आशंका है. 

प्राथमिक स्तर पर गड़बड़ी

इस संबंध में शिकायत मिली है. एक रणनीतिक जांच भी की गई. प्रथमदृष्टया मामला गड़बड़ी का प्रतीत होने पर इसकी गहनता से जांच की जा रही है.

-सुकेशिनी तेलगोटे, सहायक आयुक्त, समाज कल्याण विभाग.