Sunil Kedar

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नागपुर. जब 2014 विधानसभा के चुनाव परिणाम आए थे और जिले की 12 सीटों में एकमात्र सावनेर की सीट पर सुनील केदार ने कांग्रेस का झंडा बरकरार रखा था. शेष 11 सीटों में कांग्रेस को बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा था. अपने दम पर पार्टी का झंडा बुलंद रखने वाले कांग्रेस विधायक सुनील केदार को मध्यवर्ती नागरिक सहकारी बैंक घोटाले में सत्र न्यायालय द्वारा 5 वर्ष जेल की सजा देना कांग्रेस के लिए करारा झटका है. वह भी ऐसे वक्त पर जब आगे लोकसभा चुनाव और उसके ठीक बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. केदार का न केवल जिले के ग्रामीण भागों में बल्कि शहरी भागों में भी अच्छी पकड़ है.

जिले में सहकार आंदोलन को आगे बढ़ाने में उनकी अहम भूमिका को ग्रामीण भागों में किसान भी मानते हैं. भाजपा के कब्जे से जिला परिषद को पूरी तरह छीनकर कांग्रेस का एकछत्र राज उन्होंने कायम किया. साथ ही हाल ही हुए ग्राम पंचायत चुनावों में पार्टी को जीत दिलाई. उन्हें सजा होने के बाद जिले में ही नहीं बल्कि शहरी भागों में भी पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में उदासी नजर आ रही है लेकिन सभी को न्यायप्रणाली पर विश्वास भी है कि उन्हें जमानत मिलेगी और केदार फिर पूरी ताकत से सक्रिय होंगे.

वज्रमूठ सभा की दमदार सफलता

बताते चलें कि राज्य की महायुति सरकार के खिलाफ एकजुटता के साथ मविआ घटक दलों द्वारा राज्य के विविध हिस्सों में वज्रमूठ सभा का आयोजन किया जा रहा था. नागपुर में हुई इस सभा की पूरी जिम्मेदारी केदार पर थी. वह सभा इतनी सफल हुई थी कि भाजपा तक हिल गई थी. केदार ने वर्ष 1992 के आसपास सक्रिय राजनीति शुरू की थी. अपनी दबंग स्टाइल के चलते वे ग्रामीण नागरिकों खासकर युवाओं के चहेते बन गए. जमीन से जुड़कर एक आम कार्यकर्ता की तरह पार्टी के लिए कार्य करना उनकी विशिष्ट पहचान रही है. यही कारण है कि कार्यकर्ता उनसे दिल से जुड़े हुए हैं. न्यायालय के निर्णय के बाद केदार के समर्थक कार्यकर्ता, पदाधिकारियों में कई तरह की चर्चाओं का दौर चल रहा है. जमानत मिलेगी या नहीं इसका ही सब इंतजार कर रहे हैं. 

28 के पार्टी अधिवेशन पर असर

नागपुर में करीब 100 वर्ष बाद 28 दिसंबर को उमरेड रोड बहादुरा में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होने वाला है. इसमें सोनिया, राहुल, प्रियंका गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल होने वाले हैं. ठीक इसके पूर्व केदार को सजा व गिरफ्तारी का अधिवेशन में निश्चित तौर पर असर पड़ेगा. प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने अधिवेशन में 10 लाख कार्यकर्ताओं के शामिल होने का दावा किया है लेकिन जिले के कद्दावर नेता केदार को सजा के चलते अब पार्टी में चिंता देखी जा रही है. एक तो अधिवेशन के ठीक पूर्व पार्टी के कद्दावर विधायक का घोटाले में दोषी करार पाया जाना भी कहीं न कहीं पार्टी हित में नहीं बताया जा रहा है. संघ की भूमि से सोनिया, राहुल, प्रियंका हूंकार भरने वाले हैं. केदार को सजा व गिरफ्तारी अधिवेशन के संदर्भ चिंता बढ़ाने वाली तो है. शीत सत्र के ठीक बाद और अधिवेशन के ठीक पहले केदार की सजा को लेकर भी कांग्रेसी खेमे में यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कहीं इसमें कुछ राजनीतिक साजिश तो नहीं है.