नागपुर. मंत्री अब्दुल सत्तार पर वाशिम में 37 एकड़ गायरान जमीन को गैरकानूनी तरीके से वितरित कर दिये जाने का मुद्दा विधान परिषद में गरमाया. उसी दौरान एकनाथ खड़से ने सिल्लोड़ में आयोजित एक क्रीड़ा महोत्सव के लिए 15 करोड़ रुपयों की वसूली के लिए अधिकारियों को टारगेट देने का भी आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि प्लेटिनम, गोल्डन, सिल्वर जैसे हजारों रुपये के टिकट छापे गए और सारे अधिकारियों को पैसा जमा करने को कहा गया.
उन्होंने कहा कि इसका ऑडियो क्लिप भी वायरल हुआ है. सवाल उठाया कि यह वसूली का पैसा जाता कहां है इसकी जांच होनी चाहिए. जब खड़से यह खुलासा कर रहे थे तब विपक्ष की ओर से स्वास्थ्य मंत्री हाय-हाय के नारे भी लगे. सत्तापक्ष के भी सदस्य विपक्ष के जवाब में शोर करने लगे. हंगामे के बीच ही सभापति नीलम गोर्हे ने सभा का कामकाज अगले दिन तक स्थगित करने की घोषणा कर दी. उसके बाद विपक्षी सदस्य वसूली भाई के नारे लगाते हुए सदन से बाहर निकल गए.
एक नहीं अनेक भूखंड घोटाले
अनिल परब ने कहा कि जब से यह सरकार बनी है एक नहीं अनेक भूखंड घोटाले सामने आ रहे हैं. वाशिम की जिस गायरान जमीन को नियमबाह्य तरीके से दिया गया उस पर सत्र न्यायालय ने भी कहा था कि वह नहीं दी जा सकती. वहां के कलेक्टर ने भी इसका विरोध किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि 17 जून को मंत्री ने वह जमीन देने का निर्णय लिया और 20 जून को पार्टी छोड़कर दूसरे गट में चले गए. मतलब जाते-जाते माल बटोरने का काम किया. मंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए.
विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने भी अधिकार न होते हुए भी गायरान जमीन देने के चलते मंत्री से इस्तीफे की मांग की. इसी तरह के 5 मामले होने की जानकारी उन्होंने सदन में दी जिसे अदालत को ओवर रूप करते हुए मंत्री ने बांट दिया.