प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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नागपुर. सिटी में दोपहिया वाहन चालकों की मनमानी बढ़ती ही जा रही है. युवकों सहित युवतियां भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने में पीछे नहीं हैं. शहर की सड़कों, हाईवे और गलियों में भी युवा सप्पाटे से गाड़िया दौड़ाते हैं. ऐसे दोपहिया चालक, नागरिकों के लिये परेशानी का कारण बन चुके हैं. गाड़ियों में तेज आवाज वाले हॉर्न लगाके लोगों का सिर दर्द बढ़ाने वाले इन चालकों पर ट्रैफिक पुलिस भी रोक लगाने में नाकाम साबित हो रही है. कई चालक तो पुलिस और पुलिस थानों के सामने से भी तेज गति और लापरवाही से गाड़ियां दौड़ाते हैं.

धरमपेठ, सीताबर्डी, सदर, फुटाला, इतवारी आदि क्षेत्रों में तो जैसे बाइक चालकों का आतंक एक आम बात हो चुकी है. कुछ लड़के युवतियों को आकर्षित करने के लिए गाड़ियों से स्टंट करते हैं. ऐसे में स्टंट करने वालों सहित आगे-पीछे चल रहे नागरिकों के लिये जान का खतरा रहता है. दोपहिया वाहन कंपनी नियमानुसार गाड़ियों में हॉर्न और साइलेंसर लगाती है लेकिन बाइक के शौकीन कुछ युवा इससे छेड़छाड करते हैं. कंपनी द्वारा लगाए गये हॉर्न और साइलेंसरों को मॉडिफाई कर आवाज बढ़ा देते हैं. सड़कों पर दौड़ा रहे मॉडिफाई वाहनों के साइलेंसर और हॉर्न की तेज आवाज नागरिकों के लिए सिर दर्द बन चुके हैं. पुलिस प्रशासन ऐसे युवाओं पर नकेल कसने में असफल नजर आ रहा है.

नियमों की उड़ा रहे धज्जियां

बाइक के शौकीन युवा स्टंट मारने के लिये यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. कई युवा स्टाइल मारने के लिये बिना हेलमेट पहने बाइक चलाते हैं. मनचले लड़के ट्रिपल सीट बैठकर लापरवाही से वाहन भगाते हैं. जिन सिग्नलों पर ट्रैफिक पुलिस मौजूद होती है, वहां वाहनों को यू टर्न मारकर विपरीत दिशा में सप्पाटे से भाग जाते हैं.

युवतियां भी कम नहीं

बेटियां हर काम में लड़कों से आगे हैं. हाल ही में 12वीं की परीक्षा का परिणाम आया था जिसमें लड़कियों ने बाजी मारी थी लेकिन यातायात नियमों का उल्लंघन करने में भी बेटियां लड़कों से पीछे नहीं हैं. बिना हेलमेट पहने फोन पर बात करते हुए, सिग्नल तोड़ना आज कल की युवतियों के लिये मानो रोज की बात हो गई है. साथ ही ट्रिपल सीट घूमती युवतियों की टोली आए दिन यातायात नियमों को तोड़ने में आगे है.

जहां पुलिस नहीं, वहां लापरवाही

शहर को सुरक्षित रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिये पुलिस कड़ी मेहनत कर रही है. ट्रैफिक पुलिस यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कानूनी कार्रवाई तो करती है लेकिन कई चौक ऐसे हैं जहां दूर-दूर तक ट्रैफिक पुलिस मौजूद नहीं. जिन चौराहों पर पुलिस नहीं होती है, वहां नियमों का उल्लंघन सबसे अधिक होता है. वाहन चालक मनमर्जी से सिग्नल तोड़कर तथा विपरीत दिशा से निकल जाते हैं.

गोरेवाड़ा व गिट्टीखदान चौक पर मनमानी

गोरेवाड़ा नेशनल हाईवे है. चौक पर सिग्नल तो हैं लेकिन पुलिस बल न होने के कारण आए दिन नियमों का उल्लंघन होते रहता है. नेशनल हाईवे होने के कारण यहां सड़क हादसों का खतरा सबसे अधिक होता है. ऐसा ही हाल गिट्टीखदान चौक का भी है. हैरानी की बात तो यह है कि चौक से गिट्टीखदान पुलिस थाना नजदीक ही है. बावजूद इसके यहां दोपहिया, चौपहिया, ऑटो सहित बस चालक भी मनमानी से वाहन चलाते हैं.