नागपुर. मानकापुर थाना क्षेत्र में मेडिकल उपकरण विक्रेता महिला के घर हुई 73 लाख रुपये की चोरी के मामले में पुलिस ने कलमना निवासी आरोपी नरेश अकालु महिलांगे (24) का सुराग लगाया है. वह मूलत: राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) का रहने वाला है. पुलिस ने उसके घर पर दबिश दी तो वह पहले ही अपनी गर्लफ्रेंड के साथ फरार हो चुका था. हालांकि पुलिस ने उसके पिता के पास से चोरी किये 77.50 लाख, वारदात में उपयोग की गई कार के अलावा 2 लाख रुपये समेत कुल 79.65 लाख रुपये का माल जब्त किया. पुलिस ने नरेश के पिता अकालु दुधेराम महिलांगे (55) को गिरफ्तार कर लिया. नरेश और उसकी गर्लफ्रेंड मिनीमातानगर निवासी गायत्री उर्फ पिंकी अमोल गजभिये (30) की सरगर्मी से तलाश जारी है. अंकालु को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे 2 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, साईंबाबानगर निवासी मनीषा विजय कपई (52) की मेडिकल उपकरण बिक्री की कंपनी है. एक वर्ष पहले मनीषा के पति की मृत्यु होने के बाद वह अपनी बेटी की मदद से सारा कारोबार संभालती हैं. उन्होंने घर में पति की मृत्यु के बाद मिली बीमा राशि तथा कारोबार की नकदी रखी हुई थी. अपनी मां की मृत्यु होने के चलते वे 14 मई को अपनी बेटी के साथ अमृतसर चली गईं. इसी दौरान किसी ने बंगले में प्रवेश कर 70 लाख रुपये नगद और कार (एमएच31/सीपी-2272) समेत 70.53 लाख रुपये का माल चोरी कर लिया. मनीषा की शिकायत पर 19 मई को मानकापुर पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज किया. मनीषा ने 70.53 लाख रुपये का माल चोरी होना बताया.
CCTV में आया नजर नरेश
पुलिस ने जांच शुरू की तो सबसे पहले सीसीटीवी रिकॉर्डिंग तलाशी. एक रिकॉर्डिंग में नरेश दिखाई दिया जो बंगले से बाहर जा रहा था और उसके हाथ में एक बोरी थी. इसमें नकदी के अलावा गहने भी रखे थे. संदिग्ध दिखाई देने और चोरी का पुराना रिकॉर्ड होने से पुलिस ने नरेश की तलाश शुरू की तो पता चला कि वह राजनांदगांव में अपने पिता के घर में छुपा हुआ है. पुलिस ने फिल्डिंग लगाकर यहां छापेमारी की लेकिन इससे पहले ही नरेश अपनी गर्लफ्रेंड पिंकी के साथ फरार हो चुका था. घर की तलाशी के दौरान पुलिस को 77.50 लाख रुपये की नकदी और चोरी में इस्तेमाल की कार मिली. पुलिस ने जब्ती कर तुरंत ही अंकालु को गिरफ्तार कर लिया.
हैरान करने वाली जानकारी दी
उधर, गिरफ्तारी के बाद अंकालु ने पुलिस को सनसनीखेज जानकारी दी कि नरेश ने उन्हें 77 लाख नहीं बल्कि करीब डेढ़ करोड़ रुपये की रकम दी थी. इसके बाद पुलिस को चोरी की गई असली रकम का पता चला. यह कार्रवाई सीपी अमितेश कुमार, सह पुलिस आयुक्त अस्विती दोर्जे, अपर पुलिस आयुक्त पाटिल, डीसीपी मदने, एसीपी हिरेमठ के मार्गदर्शन में पीआई वानखेडे, एपीआई अम्बेपवार, डगवाल, गवई, यादव, महल्ले, भोयर आदि ने की.