Water supply from tankers in 28 villages and 20 wadas
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    नागपुर. शहर में पानी की समस्या विकराल होती जा रही है. पहले स्लम बस्तियों में पानी की दिक्कत होती थी लेकिन अब पॉश एरिया भी इससे अछूते नहीं रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इन जगहों पर नल कनेक्शन नहीं है बल्कि पानी का प्रेशर कम होने के कारण अधिकांश परिवार वंचित रह जाते हैं. इसके बाद उन्हें रोज की जरूरत के लिए टैंकरों से पानी मंगाना पड़ता है. हनुमाननगर जोन-3 के करीब 15 इलाकों में 150 से 180 टैंकर रोजाना पानी की सप्लाई की जाती है. कई बार मांग इससे ज्यादा भी बढ़ जाती है.

    हनुमाननगर जोन-3 के छत्रपतिनगर, चक्रपाणिनगर, सिद्देश्वरीनगर, मां भगवतीनगर, नेर बाबानगर, विट्ठलनगर, आराध्यानगर, अभिजीतनगर, श्रीकृष्णानगर, अलंकारनगर, दौलतनगर आदि जगहों पर पानी की डिमांड सबसे ज्यादा है. एक ट्रैक्टर एक दिन में करीब 10 फरियां लगाता है.

    स्थानीय निवासियों के अनुसार टैंकरों से रोज की जरूरत के पानी की पूर्ति कुछ हद तक जरूर पूरी हो जाती है लेकिन पेयजल के लिए उन्हें पानी की केन मंगानी पड़ती है. हालांकि इस मामले में संबंधित अधिकारियों का कहना है कि शहर में पानी का स्टॉक पर्याप्त है. आगामी 2 महीनों तक भी पानी की कोई कमी नहीं होगी. 

    किरायेदारों को दिक्कत 

    जोन-3 में पानी के लिए सबसे ज्यादा परेशान होना पड़ रहा है किराये से रहने वाले लोगों को. मकान मालिक पानी के अतिरिक्त पैसे लेता है. इसके बाद भी उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है. कई लोग जगह की कमी के कारण पानी का स्टॉक नहीं कर पा रहे हैं. वहीं कुछ पानी के टैंकर मंगाकर अपना काम चला रहे हैं. टैंकर संचालकों का कहना है कि उनकी कोशिश है कि सभी लोगों तक पानी की सप्लाई की जाए लेकिन ट्रैक्टरों की संख्या सीमित होने से वे सीमित संख्या में ही टैंकरों की सप्लाई कर पा रहे हैं. 

    एक दिन में 150 से 180 टैंकर पानी सप्लाई की जा रही है. एक वाहन दिन में ज्यादा से ज्यादा 10 टैंकर सप्लाई कर पाता है. गर्मी में पानी की मांग ज्यादा है. हमारी कोशिश है कि हर व्यक्ति तक पानी पहुंचे. इसके लिए सुबह से लेकर शाम तक इसी काम में जुटे रहते हैं.

    -संजय टिडके, टैंकर संचालक, हनुमाननगर जोन-3