RTMNU, nagpur University

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    नागपुर. आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय भले ही शताब्दी महोत्सव मना रहा है लेकिन कार्यप्रणाली में सुधार जैसी स्थिति नहीं दिख रही है. अधिकारियों में तालमेल का अभाव बना है. परीक्षा व्यवस्था को लेकर भी नियोजन नहीं किया जा रहा है. नियमानुसार 90 दिन के शैक्षणिक सत्र के बाद सेमेस्टर की परीक्षा ली जानी चाहिए लेकिन शीत सत्र परीक्षा को लेकर नियोजन का अभाव फिर छात्रों पर भारी पड़ सकता है.

    विवि द्वारा इस बार प्रथम वर्ष में प्रवेश के पंजीयन के लिए जून में प्रक्रिया आरंभ की गई थी. 17 जुलाई को प्रवेश की अंतिम तिथि थी. यानी अक्टूबर तक 90 दिनों का शैक्षणिक कामकाज पूरा हो जाता है. इस हालत में नवंबर के पहले सप्ताह में परीक्षा ली जानी चाहिए. विवि के नियमानुसार सम सेमेस्टर की परीक्षा विवि और विषम सेमेस्टर की परीक्षा कॉलेज स्तर पर ली जानी है. परीक्षा से पहले छात्रों को आवेदन भरना होगा. इसके लिए करीब 15 दिन पहले प्रक्रिया आरंभ होना आवश्यक है लेकिन सितंबर का महीना खत्म होने को आया लेकिन विवि की ओर से अब तक नोटिफिकेशन तक जारी नहीं किया गया.

    नियमों की कद्र नहीं

    पिछले दिनों उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री ने शिकायत के बाद एमकेसीएल को हटाने के आदेश दिये थे. उपसचिव स्तर की समिति ने भी एमकेसीएल के कामकाज की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. विवि प्रशासन द्वारा अब तक तय नहीं किया गया है कि शीत सत्र परीक्षाओं क कामकाज किस एजेंसी को दिया जाये. पिछले दिनों प्रशासन की ओर से मैनेजमेंट काउंसिल की बैठक ली गई. इन दिनों प्राधिकरणों का कार्यकाल पूरा होने से समूचे अधिकार उपकुलपति के हाथ में आ गये हैं.

    अब उपकुलपति अपनी मनमर्जी की एजेंसी को जिम्मेदारी सौंप सकते हैं. छात्र संगठनों का कहना है कि प्रशासन जो भी निर्णय ले, जल्द करे ताकि छात्रों को पूर्व तैयारी करने का अवसर मिल सके लेकिन यहां तो स्थिति ही विपरीत बनी हुई है. सूत्र बताते हैं कि कुछ अधिकारी भी उपकुलपति के कामकाज से नाराज हैं. लेटलतीफी के चक्कर में छात्रों का नुकसान करने पर तुले हैं. 4 अक्टूबर को सीनेट की बैठक रखी गई है. इस बैठक में प्रशासन की मनमर्जी के अनुसार निर्णय लिये जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है.