नागपुर. किसानों के नाम पर लोन लेकर 115 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले रमन्नाराव मुसल्या बोल्ला (48) और वीरव्यंकट सत्यनारायण वाकलपुड़ी को आखिर ग्रामीण पुलिस के विशेष दस्ते ने गिरफ्तार कर लिया. फसल नुकसान की भरपाई दिलाने के बहाने आरोपियों ने मिलकर मौदा, पारसिवनी और आस-पास के परिसर के किसानों के नाम पर बैंक में खाता खुलवाया. बाद में उनके दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से कर्ज लिया.
किसानों के घर पर कर्ज की रकम नहीं भरने के नोटिस जाने लगे और लोगों को धोखाधड़ी का पता चला. पीड़ितों ने प्रकरण की शिकायत तत्कालीन एसपी विशाल आनंद से की. उन्होंने प्रकरण की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा को सौंपी. प्रकरण दर्ज होते ही बोल्ला और वाकलपुड़ी न्यायालय की शरण में चले गए. किसानों के नाम पर धोखाधड़ी किए जाने का गंभीर मामला होने के कारण न्यायालय ने दोनों को जमानत देने से इनकार कर दिया. तब से आरोपी पुलिस से बचकर भाग रहे थे.
एसपी हर्ष पोद्दार ने एसडीपीओ आशित कांबले, पूजा गायकवाड़ और इंस्पेक्टर किशोर नगराले के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया. साथ ही एलसीबी को किसी भी तरह आरोपी को ढूंढ निकालने के आदेश दिए. इंस्पेक्टर ओमप्रकाश कोकाटे, एपीआई राजीव कर्मलवार, सब इंस्पेक्टर बट्टूलाल पांडेय, हेड कांस्टेबल विनोद काले, इकबाल शेख, दिनेश अदापुरे, रोहन डाखोरे और सतीश राठोड़ ने आरोपियों की तलाश शुरू की.
तकनीकी जांच और खबरी के माध्यम से आरोपियों के बेंगलुरु में होने का पता चला. तुरंत एक टीम रवाना हुई लेकिन आरोपी वहां से भाग चुके थे. बहुत ही गोपनीय तरीके से पुलिस उनका पीछा करते हुए विजयवाड़ा पहुंची. एपीआई कर्मलवार को स्थानीय भाषा की जानकारी होने से आरोपियों का पता लगाने में मदद मिली और दोनों को एक होटल से गिरफ्तार किया. शनिवार को पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश किया. प्रकरण की जांच करने के लिए 14 दिनों की पुलिस हिरासत मांगी. न्यायालय ने प्रकरण की गंभीरता को देखते दोनों को पूरे 14 दिनों की हिरासत में रखने के आदेश दिए.