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नागपुर. इस वर्ष पूरे राज्यभर में बारिश कम होने के चलते आने वाले गर्मी के सीजन में संपूर्ण राज्यभर में जल संकट जैसी स्थिति बन सकती है. पूरे राज्यभर के बांधों में जहां 4 जनवरी 2023 को जल स्तर 82.84 प्रतिशत था जो एक वर्ष बाद 4 जनवरी 2024 को करीब 22 फीसदी कम हो गया है. आज की तारीख में राज्यभर के बांधों में 60.79 फीसदी पानी का स्टाक होने की जानकारी वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट से मिली है. बीते वर्ष से तुलना करें तो राज्य के सभी रीजन में पानी का स्टाक काफी कम है जो आने वाले जल संकट का संकेत दे रहा है.

संभाग की स्थिति

नागपुर संभाग की स्थिति की बात करें तो यहां के बड़े, मध्यम व लघु बांधों में बीते वर्ष की तुलना में पानी का स्तर काफी कम है. बीते वर्ष 4 जनवरी की तारीख में जहां बड़े बांधों में कुल पानी का स्टाक 78.39 प्रतिशत था, वहीं इस वर्ष इसी तारीख में 69.20 प्रतिशत है. लगभग 10 फीसदी जल स्तर इस वर्ष घटा है जिसके चलते गर्मी के दिनों में जब पानी की मांग बढ़ती है तब मुश्किल हो सकती है. वहीं मध्यम प्रकल्पों में भी यह काफी घटा है. रीजन के मध्यम प्रकल्पों में बीते वर्ष की तुलना में जल स्तर 14.77 फीसदी घट गया है. बीते वर्ष जल स्तर 81.70 प्रतिशत था जो अब घटकर इस वर्ष 66.93 प्रतिशत रह गया है. ऐसा ही हाल संभाग के लघु प्रकल्पों का भी है. हालांकि लघु प्रकल्पों में कुछ अधिक अंतर नहीं आया लेकिन इस वर्ष स्टाक कम हुआ है. बीते वर्ष पानी का स्टाक 61.99 फीसदी था जो इस वर्ष 57.54 फीसदी है.

कामठी खैरी में बढ़ा जल स्तर

जिले की बात करें तो औसत बीते वर्ष की तुलना में बांधों में जल स्तर कम हुआ है. केवल कामठी खैरी प्रकल्प में ही बीते वर्ष की तुलना में जल स्तर बढ़ा है. बीते वर्ष 71.97 फीसदी पानी था जो इस वर्ष 75.97 प्रतिशत है. इसके अलावा सभी बांधों में पानी का स्तर कम  हुआ है. खिंडसी जलाशय में बीते वर्ष 86.06 प्रतिशत स्टाक था जो इस वर्ष 66.68 प्रतिशत है. नांद में बीते वर्ष 100 फीसदी जल स्तर था जो इस वर्ष महज 38.10 प्रतिशत है. 62 फीसदी पानी बीते वर्ष की तुलना में कम है. तोतलाडोह में इस अभी जल स्तर 72.96 प्रतिशत था जो बीते वर्ष 81.05 फीसदी था. वड़गांव जलाशय बीते वर्ष 76.24 फीसदी पर था जो इस वर्ष 67.99 फीसदी पर है.

भंडारा जिले का सबसे बड़ा गोसीखुर्द प्रकल्प में 53.52 फीसदी जल स्तर है जो बीते वर्ष 54.87 प्रतिशत था. बावनथडी प्रकल्प बीते वर्ष 100 फीसदी भरा था लेकिन इस वर्ष जल स्तर 83.07 प्रतिशत पर है. गड़चिरोली के दीना प्रकल्प की बात करें तो उसमें मात्र 21.97 फीसदी ही जल स्तर है. ऐसा ही हाल अमूमन सारे लघु, मध्यम व बड़े जल प्रकल्पों का है जिसके चलते गर्मी के दिनों में जल का नियोजन चुनौती हो सकती है.