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    नागपुर. माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा इन दिनों 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा ली जा रही है. इसके लिए बोर्ड द्वारा स्कूलों के शिक्षकों को परीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाता है. इस बीच बोर्ड के योग्य नियोजन के अभाव में कुछ गड़बड़ियां सामने आ रही हैं. जिन जूनियर कॉलेजों में 12वीं की क्लासेस नहीं है, वहां प्रैक्टिकल परीक्षा लेने के लिए परीक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है. संबंधित जूनियर कॉलेज में जाने के बाद परीक्षक बैरंग लौट रहे हैं.

    12वीं बोर्ड की लिखित परीक्षा 21 फरवरी से ली जाएगी. इस बीच 20 फरवरी तक प्रैक्टिकल परीक्षा ली जा रही है. परीक्षा के लिए सभी जूनियर कॉलेजों ने अलग-अलग तिथि तय की है लेकिन इसी कालावधि में लेना है. प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए बोर्ड द्वारा परीक्षक (एक्सटर्नल) नियुक्त किये जाते हैं. छात्रों का वायवा लेना और अंकों का वितरण भी परीक्षक ही करते हैं, ताकि व्यवस्था पारदर्शी बनी रहे. परीक्षक के हस्ताक्षर वाले अंक वितरण के दस्तावेज ही बोर्ड को भेजे जाते हैं.

    इस बीच बोर्ड ने कुछ ऐसे जूनियर कॉलेजों में परीक्षकों की ड्यूटी लगाई, जहां 12वीं की क्लास ही नहीं है. बोर्ड का नियुक्ति पत्र मिलने के बाद कुछ शिक्षकों ने प्राचार्य से फोन पर संपर्क किया तो पता चला कि उनके कॉलेज में 12वीं साइंस ही नहीं हैं. जबकि जिन शिक्षकों ने प्राचार्य से संपर्क न करते हुए सीधे जूनियर कॉलेज पहुंचे तो उन्हें बैरंग लौटना पड़ा.

    कई कॉलेजों में बंद हुईं टुकड़ियां 

    पिछले वर्षों में सिटी के अनेक जूनियर कॉलेजों में साइंस की टुकड़ियां बंद हुई है. एमसीवीसी पाठ्यक्रम में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से अनेक जूनियर कॉलेजों ने टुकड़ी ही बंद कर दी लेकिन इस बारे में बोर्ड के पास जानकारी का अभाव है. यही वजह है कि हर वर्ष की तरह बोर्ड द्वारा शिक्षकों को परीक्षक के रूप में नियुक्त कर परीक्षा लेने भेजा जा रहा है. बताया जाता है कि कई स्कूलों ने बोर्ड को इसकी जानकारी भी नहीं दी है. इस वजह से इस तरह की विषय उत्पन्न हो रहे हैं. बोर्ड में मैन पॉवर की कमी से कामकाज पर असर पड़ा है.