winter session alleges NCP MLA Rohit Pawar attacks shinde government

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नागपुर. विधानमंडल के 14 दिवसीय शीतकालीन सत्र से न आम आदमी को कुछ मिला, न कर्मचारियों को, न किसानों को, न गरीबों व उपेक्षित लोगों को कुछ मिला. इस सत्र में सत्ताधारी मंत्रियों ने अपनी-अपनी कुर्सी बचाने का काम किया, जबकि नेताओं ने ही एक-दूसरे की आलोचना की. उन्होंने अधिवेशन को निरर्थक बताते हुए सत्ता पक्ष पर निशाना साधा.

विधानभवन क्षेत्र में संवाददाताओं से बात करते हुए पवार ने स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया. उन्होंने यह भी पूछा कि उसी समय स्वास्थ्य विभाग में स्वच्छता का टेंडर क्यों रद्द कर दिया गया. स्वास्थ्य विभाग में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी का एक गुमनाम पत्र दिखाकर मिलने वाले 10,000 रुपये के प्रोत्साहन के अलावा, स्वास्थ्य मंत्री 3,000 रुपये मांगते हैं.

अन्यथा उन्हें प्रोत्साहन नहीं मिलता, इसका प्रमाण भी दिखाया. यह आरोप लगाते हुए कि महात्मा फुले जीवनदायी आरोग्य बीमा योजना में पैसे के बिना एक साधारण पेपर भी नहीं होता है, उन्होंने कहा, पवार ने यह भी कहा कि तलाठी परीक्षा से चयनित उम्मीदवार 30-30 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं. मराठों के संबंध में फरवरी तक शासक समय बढ़ाकर समय काटते रहे. हालांकि रोहित पवार ने यह भी चेतावनी दी कि 24 के बाद भड़कने वाले आंदोलन के लिए सरकार जिम्मेदार होगी.

यशोमति ने बांटी चॉकलेट

पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि पिछले 15 दिनों से पूरी सरकार नागपुर में डेरा जमाए हुए है लेकिन आम आदमी के जीवन-मृत्यु से जुड़े एक भी मुद्दे का समाधान नहीं हो सका है. इसलिए सत्र का अंत खट्टा-मीठा होने के बावजूद यशोमति ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए विधानभवन क्षेत्र में सभी को चॉकलेट बांट कर मुंह मीठा कराया. अधिवेशन के नतीजा शून्य रहने की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार नागपुर में रहकर भी विदर्भ की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकी. आम जनता को निराश करते हुए सरकार गुरुवार को सत्र समाप्त होने के बाद अपने गृहनगर रवाना हो जायेगी. 

विदर्भ के मुद्दे पर चुप रहा विपक्ष : दरेकर

विधायक प्रवीण दरेकर ने कहा कि अधिवेशन विदर्भ में हो रहा था तो उम्मीद थी कि यहां विदर्भ के मुद्दों और समस्याओं से लेकर विकास पर चर्चा होगी. इसके लिए विपक्ष के सदस्यों के भी आक्रामक रुख अपनाने की उम्मीद थी लेकिन सत्र के अंत तक विपक्ष ने बिना किसी संसदीय हथियार का इस्तेमाल किए इस सत्र को विदर्भ से दूर रखा.