आपदा राहत टीमें गठित हों, जिलाधिकारी जलज शर्मा ने दिए निर्देश

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    धुलिया : हर बार की तरह इस बार भी मानसून (Monsoon) से निपटने के लिए तैयारियां शुरु कर दी गई हैं। मौसम विभाग ने पूर्व में जानकारी दी थी कि इस वर्ष मानसून निर्धारित समय से पहले दस्तक दे सकता है, इसलिए प्रशासन (Administration) ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी है और इसी के तहत जिलाधिकारी जलज शर्मा (District Magistrate Jalaj Sharma) की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। मानसून के अंडमान में प्रवेश के मद्देनजर महाराष्ट्र (Maharashtra) में भी तैयारियां शुरु कर दी गई हैं। इस संदर्भ में धुलिया जिले (Dhulia District) में मानसून के दौरान आने वाली परेशानियां से निपटने के लिए जिलाधिकारी जलज शर्मा ने समीक्षा बैठक का आयोजन किया और जिले की सभी सरकारी एजेंसियां (Government Agencies) सतर्क रहते हुए 24 घंटे कंट्रोल रूम शुरू रखने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा के समय तत्काल राहत के लिए गश्ती दल तैनात किए जाएं। 

    खतरनाक जगहों की पहचान करें और तुरंत वहां नोटिस बोर्ड लगाएं

    जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि एहतियात के तौर पर खतरनाक जगहों की पहचान कर वहां तुरंत नोटिस बोर्ड लगाए जाएं। रेंज की जांच करके सिस्टम को क्रम में रखने के निर्देश भी इस दौरान जिलाधिकारी ने दिए। जिलाधिकारी जो जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं, ने समीक्षा बैठक में सभी विभागों को पूरी तरह से तैयार रहने के लिए तैयार रहने के लिए कहा। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से समाहरणालय के सातपुड़ा हॉल में प्राकृतिक आपदाओं, बाढ़ नियंत्रण, तूफान आदि पर मानसून के दौरान आने वाली परिस्थितियों से निपटने के क्या-क्या तैयारियां करनी है, इस पर समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। 

    जिलाधिकारी शर्मा ने कहा कि बरसात के मौसम में हादसों को रोकने के लिए हर विभाग अपनी-अपनी ओर से सतर्क रहे और आवश्यकता अनुसार एक विभाग का दूसरे विभाग के बीच समन्वय बना रहे। नदियों- नालों के किनारे अनधिकृत निर्माण को तुरंत हटाने के निर्देश भी इस दौरान दिए गए। तहसील, ग्राम स्तर की योजनाओं को अत्याधुनिक किए जाने पर जोर देते हुए समीक्षा बैठक में कहा गया कि हर विभाग क्या-क्या काम किए जा चुके हैं, क्या- क्या काम बाकी हैं, उसकी रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए गए। समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पुराने, जर्जर भवनों का निरीक्षण कर उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही सरकारी भवनों के फायर ऑडिट की सूचना देने पर भी जोर दिया गया। 

    खोज और बचाव कार्यों के लिए जवानों को उपलब्ध कराएं

    बाढ़ की स्थिति में राज्य आपदा मोचन बल, राज्य रिजर्व पुलिस बल, पुलिस, होमगार्ड के जवानों को खोज और बचाव कार्य के लिए उपलब्ध कराया जाए। समीक्षा बैठक में कहा गया कि जल संसाधन विभाग को बांध से पानी छोड़ने की योजना बनानी चाहिए। नदी किनारे के गांवों को पानी छोड़ने से पहले अलर्ट संबंधी जानकारी भी इस दौरान दी गई। बांध में पानी के भंडारण की प्रतिदिन की स्थिति के बारे में हर दिन जानकारी ली जाए। मानसून के मौसम में संक्रामक बीमारियों के फैलने की स्थिति में स्वास्थ्य व्यवस्था को सतर्क कर दिया गया है। दवाओं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराने, शुद्ध पानी उपलब्ध कराने, सर्पदंश के टीके का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराने, जलापूर्ति विभाग को दूरस्थ क्षेत्रों में खाद्यान्न वितरण की योजना बनाने, बिजली आपूर्ति भंग होने की स्थिति में बिजली वितरण कंपनी की विशेष टीमों का गठन करने जैसे विषयों पर समीक्षा बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। 

    नियंत्रण कक्षों,  बांधों,  जलापूर्ति योजनाओं और सरकारी कार्यालयों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरतने पर भी जिलाधिकारी ने जोर दिया। समीक्षा बैठक में निवासी उप जिलाधिकारी गायकवाड़, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी जितेंद्र सोनवणे ने आपदा प्रबंधन योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। 

    बैठक में महानगरपालिका कमिश्नर देवीदास टेकाले, सहायक जिलाधिकारी तृप्ति धोदमी, जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप मालोदे, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निवासी उप जिलाधिकारी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय गायकवाड़, लोक निर्माण विभाग की कार्यपालक अभियंता वर्षा घुगरी, महाराष्ट्र राज्य परिवहन के संभागीय नियंत्रक निगम मनीषा सपकाल, जिला आपूर्ति अधिकारी रमेश मिसाल, जिला पुनर्वास अधिकारी प्रज्ञा बडे-मिसल, जिला परिषद जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संतोष नवाले, राज्य आपदा मोचन बल अनुमंडल पदाधिकारी चंद्रकांत पाटस्कर, तहसीलदार गायत्री संदाने (धुलिया ग्रामीण), सुनील संदाने (शिंदखेड़ा), आबा महाजन (शिरपुर), प्रवीण चव्हाणके (सकरी), अपर तहसीलदार संजय शिंदे (धुलिया शहर), विनायक थविल (पिम्पलनेर) आदि उपस्थित थे।