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    सटाणा : बागलाण तहसील में महावितरण कंपनी (Mahavitaran Company) की ओर से की जा रही लोडशेडिंग (Loadshading) यहां के किसानों के लिए सिरदर्द बन गई है। यहां जारी अनियमित भारनियमन, लगातार हो रही बिजली कटौती (Power Cut), खराब स्थिति वाले ट्रान्सफॉर्मर (Transformers) और क्षमता से ज्यादा भार झेल रहे विद्युत संयंत्र के कारण तहसील में बिजली और पानी दोनों सुविधाओं को प्रभावित कर रहा है।

    बिजली से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के कारण फसलों को पानी नहीं मिल रहा है। पानी के अभाव में तहसील की फसलें तो प्रभावित हो रही है, साथ ही यहां के फल बागों पर भी असर पड़ रहा है। महावितरण की ओर से तहसील में आठ बिजली आपूर्ति करके यहां के किसानों और सर्वसामान्य जनता को राहत दी जाए, ऐसी मांग बागलाण की पूर्व विधायक तथा राज्य महिला आयोग की सदस्य दीपिका चव्हाण ने मुख्य अभियंता से की है।  

    तहसील में कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर खराब स्थिति में हैं, बार-बार शिकायत करने के बाद भी ट्रांसफार्मर को ठीक नहीं किया जाता। कई ट्रांसफार्मर तो ये बेचारा, काम के बोझ का मारा की कहावत को चरितार्थ करते नजर आ रहे हैं। ज्यादा बोझ के कारण आए दिन ट्रांसफार्मर जलने और बिजली गुल होने की बात सामने आती है, इसके अलावा एमएसईडीसीएल से अनिवार्य वसूली कर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति घंटा लोडशेडिंग की जा रही है जो कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है।  

    बागलाण तहसील पूरे राज्य में कृषि क्षेत्र में अग्रणी मानी जाती है। इस तहसील में प्याज, मक्का, अनार, अंगूर, सब्जी, टमाटर का उत्पादन आदि मात्रा में किया जाता है, यदि इन फसलों को समय पर पानी मिल जाए तो किसानों को गुणवत्तापूर्ण उपज मिल सके, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। कई जगह बिजली आपूर्ति न होने से फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है।