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    देवला : देवला तहसील अध्यक्ष जीजाबाई अहिर राव के नेतृत्व में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (Anganwadi Workers) ने डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम अमृत आहार योजना (Dr. APJ Abdul Kalam Amrit Diet Scheme) के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपे गए कार्य में बदलाव और अमृत आहार कार्य के मानदेय के भुगतान की मांग को लेकर देवला पंचायत समिति कार्यालय (Devla Panchayat Samiti Office) पर मोर्चा निकाला गया। समूह विकास अधिकारी राजेश देशमुख के कक्ष में बाल विकास परियोजना अधिकारी जयश्री नाइक को महाराष्ट्र राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ महासचिव बृजपाल सिंह की ओर से विभिन्न लंबित मांगों की पूर्ति के लिए ज्ञापन दिया गया। 

    शासनादेश का उल्लंघन कर रहे

    ज्ञापन में कहा गया कि 16 अक्टूबर 2017 को महिला और बाल विकास विभाग ने राज्यपाल के आदेशानुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ए पी जे अब्दुल कलाम योजना के तहत सौंपे गए कार्यों में परिवर्तन के संबंध में एक आदेश जारी किया, लेकिन जिला और परियोजना कार्यालयों के अधिकारी-कर्मचारी महिला और बाल विकास विभाग के शासनादेश का उल्लंघन कर रहे हैं। इस योजना के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पूरक पोषाहार, स्कूल पूर्व शिक्षा, दैनिक टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं के साथ-साथ स्वास्थ्य शिक्षा भी प्रदान करते हैं, इसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रतिदिन साढ़े चार घंटे आंगनवाड़ी केन्द्र पर उपस्थित रहना पड़ता है। 

    गृह भ्रमण, सर्वेक्षण, पंजीकरण, अभिलेखों को पूरा करना, बच्चों की विद्यालय पूर्व शिक्षा और पूरक पोषाहार आवश्यक है। अमृत आहार योजना के कार्य के कारण आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का अधिकांश समय भोजन पकाने और भोजन वितरण रिपोर्ट तैयार करने में व्यतीत हो जाता है। आंगनवाड़ी केन्द्र में 3 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के हितग्राहियों को पूर्व प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराना संभव नहीं है। सरकार के निर्णयानुसार 500 रुपए प्रतिमाह भुगतान करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। सरकारी आदेश के बावजूद मार्च 2020 से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अमृत आहार के लिए मानदेय का भुगतान जिला और परियोजना कार्यालय की ओर से न दिए जाने से जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में असंतोष का वातावरण व्याप्त है। 

    जीएसटी का बिल मांगा गया

    आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मार्च 2022 का बकाया धनराशि का तत्काल भुगतान किए जाने की मांग के साथ-साथ परियोजना कार्यालय से सब्जियों की खरीद के लिए जीएसटी का बिल मांगा गया है। आदिवासी क्षेत्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सब्जी या अन्य सामग्री खरीदने के लिए जीएसटी बिल कहां लाती हैं? उनके सामने यही सवाल है। 

    आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग है कि सरकार के निर्णय अनुसार अमृत आहार योजना का कार्य बदला जाए और इसे गंभीरता से लेने की मांग की जा रही है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मंगला सावंत, सुनंदा निकम, उषा आहेर, लीला शेल्खे, मनीषा अहिरे, सरला खैरनार, सुनंदा थोरात, जया पवार, अलका जाधव, शोभा देवरे, शोभा जाधव, चंद्रकला बट्टासे आदि उपस्थित रही।