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    नाशिक : रविवार पेठ स्थित इंडिपेंडेंस को.ऑपरेटिव बैंक (Independence Co-Operative Bank) का लाइसेंस (Licence) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने आखिरकार रद्द किया है। इसके बाद शुक्रवार (Friday) से बैंक (Bank) के सभी कारोबार (Business) बंद हो गए है। इसकी खबर निवेशकों को मिलने के बाद सनसनी फैली। इंडिपेंडेंस बैंक (Independence Bank) का लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव सहकार विभाग ने रिजर्व बैंक को दिया था। साथ ही बैंक पर प्रशासक नियुक्त करने का प्रस्ताव भी था। बैंक का दिवाला निकल चुका है।

    बैंक के पास पर्याप्त निवेश और कामकाज चलाने के लिए योग्य स्थिति न होने की बात रिजर्व बैंक ने कहीं है। बैंकिंग नियमन कानून 1949 की धारा 56 सहित धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (ड) के प्रावधानों का बैंक के माध्यम से पालन नहीं होने की बात आरबीआई ने कही है। बैंक शुरू रखना निवेशकर्ताओं की दृष्टी से अनुकुल नहीं है। बैंक के बैंकिंग कारोबार शुरू करने की अनुमति देने पर सार्वजनिक हित पर उसका विपरित परिणाम होने की बात आरबीआई ने कही है। इसलिए बैंक के बैंकिंग कारोबार करने के लिए मनाई की गई है। बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 की धारा 56 के तत्काल प्रभाव से अमल करने की बात रिजर्व बैंक ने स्पष्ट की है।

    इससे पूर्व फरवरी 2021 में बैंक के आर्थिक कारोबार पर 6 महीने के लिए आर्थिक निर्बंध लगाए गए थे। बैंक की वर्तमान स्थिति में नकद की स्थिति को देखते हुए निवेशकर्ता, बचत खाता धारक, कारोबारी खाता धारकों को अन्य किसी प्रकार के खाते रकम निकालने की अनुमति नहीं थी। इस दौरान बैंक की आर्थिक स्थिति में जब तक सुधार नहीं होता तब तक यह निर्बंध कायम रखने की बात आरबीआई ने कहीं थी, लेकिन अब सिधे-सिधे बैंक का लाइसेंस ही आरबीआई ने रद्द कर दिया है। 23 वर्ष पूर्व इस बैंक को स्थापित किया गया था। 

    संचालक मंडल इस प्रकार

    बैंक के संचालक मंडल में विविध राजनीतिक दलों से संबंधित व्यक्ति शामिल थे। बैंक के संस्थापक अध्यक्ष रऊफ पटेल थे। जबकि, वर्तमान अध्यक्ष के रूप में पूर्व महापौर पंडित खैरे के पुत्र योगेश खैरे, उपाध्यक्ष के रूप में  भाजपा विधायक सीमा हिरे कार्यरत थी। इसके अलावा अन्य पदाधिकारियों में कांग्रेस, भाजपा, शेकाप आदि दलों से संबंधित पदाधिकारी कार्यरत थे।