Nashik Municipal Corporation suffered a setback of 150 crores in the first quarter, the councilors may have to face problems

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    नाशिक : नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) के कामकाज को लेकर राज्य सरकार (State Government) की ओर से कुछ शिकायतें (Grievances) मिलने के बाद सरकार ने कमेटी (Committee) का गठन किया है और यह कमेटी जल्दी ही नाशिक महानगरपालिका का दौरा कर महानगरपालिका के कामकाज (Functioning) के तरीकों की जानकारी प्राप्त करेगी। 

    महानगरपालिका के सूत्रों ने बताया कि एनएमसी प्रशासन (NMC Administration) की ओर से इस संबंध में जांच के लिए सरकार को कोई सिफारिश नहीं की गई है। महानगरपालिका  में बीजेपी (BJP) की सरकार है। शिवसेना (Shiv Sena) समेत कई पदाधिकारियों ने बीजेपी के काम की आलोचना करते हुए अक्सर सरकार से शिकायत की। एनएमसी के काम की आलोचना करते हुए अभिभावक मंत्री छगन भुजबल ने प्रेस कांफ्रेंस कर कई सवाल पेश किए थे। इसमें जन प्रतिनिधि का कार्यकाल समाप्त होने और प्रशासनिक शासन की शुरुआत के बाद कई अनावश्यक कार्यों को रद्द कर दिया गया था।

    समीक्षा के लिए अधिकारियों की समिति नियुक्त 

    इस संबंध में, राज्य सरकार शिकायतों और कार्यों की समीक्षा के लिए अधिकारियों की एक समिति नियुक्त करेगी। हालांकि राज्य सरकार की ओर से जांच के लिए भेजी जाने वाली कमेटी के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन व्यवस्था में हड़कंप मच गया है। राज्य सरकार द्वारा प्राप्त वित्तीय भ्रष्टाचार की शिकायतों, समीक्षा बैठक में पालक मंत्री की टिप्पणी, मौजूदा कमिश्नर द्वारा वित्तीय कुप्रबंधन के खिलाफ अभियान की पृष्ठभूमि में प्रस्तावित जांच को लेकर उत्सुकता है। 

    क्लब टेंडरिंग के नाम पर भूमि अधिग्रहण, अनावश्यक कार्यों में घुसपैठ, दायित्व का बोझ,  संदिग्ध गतिविधियों सहित कुछ मुद्दों को महत्व देने के संबंध में राज्य सरकार में पहले ही शिकायत दर्ज कराई जा चुकी हैं। बीजेपी महानगरपालिका में सत्ता में है जबकि राज्य में शिवसेना के साथ महाविकास अघाड़ी सरकार है।महानगरपालिका चुनाव की घंटी बज चुकी है, इसलिए आरोप लगाए जाने से पहले ही आरोप-प्रत्यारोप आर्थिक अनियमितताओं की जांच में राजनीतिक उथल-पुथल के संकेत हैं।