जानें क्यों विभागीय आयुक्त राधाकृष्ण गमे ने प्रतिनियुक्ति रद्द करने का दिया आदेश

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    नाशिक : प्रतिनियुक्ति आदेश (Deputation Order) पर समय न लिखे जाने से सभी कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति रद्द करने का आदेश विभागीय आयुक्त (Divisional Commissioner) राधाकृष्ण गमे (Radhakrishna Game) ने नाशिक जिला परिषद प्रशासन (Nashik Zilla Parishad Administration) को दिए। इसके बाद सीईओ लीना बनसोड द्वारा 24 मार्च (March) को दिए गए विनंती के तहत विभागीय आयुक्त ने औषध निर्माण अधिकारी गोटीराम खैरनार और विजय देवरे की प्रतिनियुक्ति रद्द की।

    जिला परिषद में 24 मार्च 2011 से 31 मार्च 2022 तक प्रतिनियुक्ति पर काम करने का राज्य में यह एकमेव प्रकरण है। जिला परिषद में 2011 प्रतिनियुक्ति पर औषध निर्माण अधिकारी गिने चुने जगह पर काम करने से उनके संबंध बन गए है। उनकी प्रतिनियुक्ति गैरकानूनी होने से उसे रद्द करने की मांग सदस्यों ने लगातार की थी। राजनीतिक दल का उपयोग करते हुए इन कर्मचारियों ने विभागीय आयुक्तालय के तत्कालीन उपायुक्त के हस्ताक्षर से 4 मार्च 2014 को अगले आदेश होने तक प्रतिनियुक्ति ऐसा नियमबाह्य तरिके से लिखवाया। लेकिन प्रशासन और पदाधिकारियों ने एक-दूसरे को संभलकर स्वास्थ्य विभाग के औषध निर्माण अधिकारियों को एक ही जगह पर 11 वर्ष नियुक्ति किया, जिसका कई बार विरोध हुआ।

    जिला परिषद प्रशासन पर भी आरोप

    दरमियान आम सभा, स्थाई समिति सभा में प्रतिनियुक्ति रद्द करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। महाराष्ट्र विधानमंडल पंचायत राज समिति और अनुसूचित जमाती कल्याण समिति ने आक्षेप लेकर प्रतिनियुक्ति रद्द करने के आदेश दिए। स्थानीय लेखा परीक्षण रिपोर्ट पर आक्षेप लिया गया। कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग की औषधि खरीदी विवाद में फंसने के बाद स्थाई समिति की 22 अक्टूबर 2021 को हुई सभा में औषधनिर्माण अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति रद्द करने का प्रस्ताव डॉ. आत्माराम कुंभार्डे ने रखा। लेकिन उसे कार्यान्वित न करते हुए पूर्व अध्यक्ष ने प्रतिनियुक्ति की जांच करने के आदेश दिए। इसके चलते जिला परिषद प्रशासन पर भी आरोप लगा।

    11 वर्ष में एक भी मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने नियम का पालन नहीं किया

    विभागीय आयुक्त ने जिला परिषद प्रशासन को पत्र भेजकर प्रतिनियुक्ति को लेकर स्पष्ट अभिप्राय देने के आदेश दिए। जिला परिषद सदस्यों का समय खत्म होते ही प्रशासक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी लीना बनसोड ने गोटीराम खैरनार और विजय देवरे की प्रतिनियुक्ति रद्द करने की विनंती विभागीय आयुक्त से की। इसके बाद विभागीय आयुक्त ने दोनों की प्रतिनियुक्ति रद्द करते हुए प्रतिनियुक्ति आदेश पर समय निश्चित न होने से सभी प्रतिनियुक्ति रद्द करने के आदेश दिए। पेसा कानून की उड़ाई धज्जियां पेसा क्षेत्र में नियुक्त होने वाले दो औषध निर्माण अधिकारियों की मुख्यालय में नियुक्ति करते समय पेसा कानून की धज्जियां उड़ाई गई। केवल पदाधिकारियों के बनाए गए दबाव के चलते पिछले 11 वर्ष में एक भी मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने नियम का पालन नहीं किया। सदस्यों का समय खत्म होने के बाद मुख्य कार्यकारी अधिकारी लीना बनसोड ने इस बारे में निर्णय लिया, जो अपने आप में एक बड़ी बात है।