नाशिक : अफगानिस्तान (Afghanistan) में माहौल बदल गया है। वहां से आपूर्ति नियमित हो गई है नतीजतन, नाशिक (Nashik) में सूखे मेवे (Dry Fruits) सस्ते हो गए हैं। पिछले कुछ महीनों में पूरी दुनिया में अफगानिस्तान में गृहयुद्ध (Civil War) देखा गया है। संयुक्त राज्य (United States) अमेरिका ने सैनिकों की वापसी की घोषणा की और तालिबान (Taliban) का जोर बढ़ा। उन्होंने सत्ता हथियाने के लिए नरसंहार किया। नतीजतन, लाखों अफगान पलायन कर गए। जिससे दुनिया प्रभावित हुई।
काला मुनक्का, अंजीर और पिस्ता की आपूर्ति बंद कर दी गई। यह इस तथ्य के कारण है कि कैलिफोर्निया में आग लगने से कई बादाम के पेड़ नष्ट हो गए। इसके अलावा, बादाम के पेडों के लिए पर्याप्त पानी नहीं था। इन सभी घटनाक्रमों ने बाजार को प्रभावित किया। अगस्त में सूखे मेवों की आवक घटी। नतीजतन, उनकी दरें उम्मीद के मुताबिक आसमान छू गईं। गणेशोत्सव और नवरात्रोत्सव के दिनों में भाव बढ़ गए थे। उम्मीद की जा रही थी कि दिवाली पर भी दरें वैसी ही बनी रहेंगी। लेकिन अफगानिस्तान में इस समय स्थिती सामान्य हो रही है। जिसका असर दिख रहा है।
दुनिया में होने वाले बदलाव का सीधे हमारे रोज के जीवन पर परिणाम होता है। हम कितना भी प्रयास कर लें हम बाहरी दुनिया से कट नहीं सकते। हमें भले ही दुनिया से लेना देना ना हो लेकिन अकसर दुनिया का संबंध हम से बन ही जाता है। एैसे में हमारे रोज के उपयोग में आने वाली चीनी महंगी होती है तो विदेशों से दालों की आयात होने के बाद भी दाम गिरने लगते हैं। अब ड्राईफ्रूट को ही ले लें। दिवाली से पहले ही आवक सुधर जाने से देश के साथ साथ नाशिक में भी उन के दाम कम हो गए हैं।
होगी पौष्टिक दिवाली
फिलहाल सूखे मेवों की कीमत औसतन 200 रुपये से 300 रुपये प्रति किलो तक गिर रही है। इसलिए नाशिक वासियों के लिए इस साल की दिवाली एक पौष्टिक उत्सव होने जा रही है। जहां पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ी है, वहीं सूखे मेवों की कीमत में कमी निश्चित रूप से राहत देने वाली है।
अगस्त में भाव (प्रति किलो)
अंजीर – रु 1500, पिस्ता – रु 1400, बादाम – रु 1200, अखरोट – रु 1100, काला मुनक्का – रु 600
अक्टूबर में भाव (प्रति किलो)
अंजीर – रु 1300, पिस्ता – रु 1200, बादाम – रु 900, अखरोट – रु 900, काला मनुका – रु 450