नाशिक: पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम के कारण ग्राहक इलेक्ट्रिक दोपहिया, चार पहिया वाहन ( Electric Vehicles) खरीदी करने पर जोर दे रहे हैं। संबंधित वाहन पर्यावरणपूरक है, इसलिए सरकार इसकी बिक्री को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। शहर में 10 वाहनों (Vehicles) के पीछे एक इलेक्ट्रिक वाहन देखने को मिल रहा है। एक ओर इन वाहनों की संख्या बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर संबंधित वाहन चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशनों (Charging Stations) की भारी कमी महसूस की जा रही है।
चार्जिंग स्टेशनों पर वाहनों की कतारें लग रही हैं। वर्तमान में बाजार में उपलब्ध वाहनों में विभिन्न कंपनियों के दोपहिया वाहन एक बार चार्ज करने के बाद 90 से 170 किलोमीटर दौड़ते हैं। जबकि, कार 200 से 400 किलोमीटर दौड़ती है।
केवल 6 से 7 जगहों पर चार्जिंग स्टेशन
वाहनों को चार्ज करने के लिए ग्राहकों के घर पर कंपनी द्वारा सुरक्षित चार्जिंग प्वाइंट बिठाए जाते हैं, लेकिन अब तक महामार्ग और सार्वजनिक स्थलों पर चार्जिंग प्वाइंट नहीं होने के कारण लंबी दूरी की यात्रा करते समय लोग हिचकिचाते हैं। नाशिक में केवल 6 से 7 जगहों पर चार्जिंग स्टेशन है। इसमें 4 पहिया वाहनों के लिए 3 स्टेशन हैं, जो निजी कंपनी के हैं। इसलिए नाशिक शहर में और 10 से 15 चार्जिंग स्टेशनों की मांग की जा रही है।
15 मिनट के लिए औसत रूप से 100 रुपए शुल्क वसूला जाता है। इसलिए एक बार चार्जिंग के लिए 300 से 500 रुपए खर्च हो सकते हैं। वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदी का प्रमाण 15 से 20 प्रतिशत बढ़ रहा है। दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए घर पर अधिकृत चार्जिंग प्वाइंट दिए जा रहे हैं। वाहनों की बढ़ती संख्या के अनुसार सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन बढ़ाने की आवश्यकता है।
-समकित शहा, इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादक