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    नाशिक : शहर में नए सिरे से सड़कें (Roads) बनाई जाती है, परंतु विभिन्न वजह से सड़कों पर खुदाई की जाती है। विशेष यह है कि मई महीने तक की गई खुदाई को सही तरह से नहीं निपटाया जाता है। परिणामस्वरूप बारिश के सत्र में खुदाई की गई जगह पर गड्ढे बन जाते है। यहां पर पानी जमा होकर जीवितहानी होती है। यह समस्या हल करने के लिए महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) ने सार्वजनिक जगह पर होने वाली खुदाई के लिए 30 अप्रैल तक काही समय देने का निर्णय लिया है। 

    बता दे कि महानगरपालिका की ओर से हर साल शहर में सड़कों का निर्माण किया जाता है। इसके बाद विभिन्न प्रकार की केबल्स, ड्रेनेज, पीने के पानी की पाइप लाइन आदि कार्य के लिए दोबारा सड़कों की खुदाई की जाती है। इस कार्य के लिए संबंधित व्यक्ति महानगरपालिका के निर्माण विभाग के पास निश्चित किया गया शुल्क अदा करता है, लेकिन खुदाई के बाद संबंधित जगह को सही तरह से नहीं करता है। इसके चलते बारिश के दौरान यहां पर पानी जमा होकर जीवितहानी होती है। खुदाई के लिए पहले मई तक समय दिया गया था, परंतु की गई खुदाई का सही तरह से निपटारा न करने से जीवितहानी की घटना सामने आ रही थी। महाराष्ट्र नेचरल गैस लिमिटेड कंपनी और भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड कंपनी की ओर से की गई खुदाई के चलते इस साल होने वाली दुर्घटनाओं का प्रतिशत बढ़ गया है। साथ ही महानगरपालिका की प्रतिमा भी मलिन हो गई है। इसलिए महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने खुदाई के लिए 30 अप्रैल तक ही समय देने का निर्णय लिया गया है। 

    खुदाई मरम्मत की होगी जांच

    महाराष्ट्र नेचरल गैस कंपनी लिमिटेड और भारत संचार निगम की ओर से बड़े तौर पर खुदाई की गई। गैस कंपनी की ओर से 205 किलोमीटर तक खुदाई की। इसके रूप में महानगरपालिका को शुल्क अदा किया, लेकिन खुदाई की गई जगह की सही तरह से मरम्मत नहीं की गई। संबंधित जगह के जांच करने के आदेश महानगरपालिका कमिश्नर ने निर्माण विभाग को दिए है।