Nashik Municipal Corporation suffered a setback of 150 crores in the first quarter, the councilors may have to face problems

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    नाशिक : गंगापुर रोड स्थित आनंदवली शिवार के सर्वे क्रमांक 67 इस महानगरपालिका (Municipal Corporation) के भूखंड (Plot) पर निजी तौर पर निर्माण कार्य (Construction Work) करने की बात सामने आई है। इसके चलते महानगरपालिका के भूखंड असुरक्षित होने की बात स्पष्ट हो गई है, जिसे गंभीरता से लेते हुए महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार (Municipal Commissioner Dr. Chandrakant Pulkundwar) ने महानगरपालिका के भूखंड, आरक्षित जगह और इमारत का विभाग निहाय तुरंत सर्वेक्षण करने के आदेश नगर रचना विभाग को दिए। 15 दिनों में सर्वेक्षण पूर्ण न करने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है। बता दे कि आनंदवली शिवार के सर्वे नंबर 67 में महानगरपालिका का 18 गुंठे क्षेत्र का भूखंड है। ऋण पत्रिका में भी महानगरपालिका का नाम है। महानगरपालिका के भूखंड के नजदीक सर्वे नंबर 61 ब है।  67 और 61 में वाइंडिंग 30 मीटर की रुंद सड़क है। फिर भी सर्वे नंबर 61 में निजी इमारत बनाई गई है। इसके चलते महानगरपालिका के भूखंड असुरक्षित हो गए है। 

    इसके पहले गोविंद नगर परिसर में होने वाले महानगरपालिका के भूखंड पर भी निजी अतिक्रमण हुआ था। पंचवटी अमरधाम स्थित महानगरपालिका की जगह पर भी अतिक्रमण हुआ। महानगरपालिका के खुले भूखंड महत्वपूर्ण जगह पर होने से उन पर भूमाफियों की निगाहें है। इसलिए महानगरपालिका के भूखंड सुरक्षित करने के लिए कमिश्नर विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत महानगरपालिका के भूखंड, आरक्षित जगह और इमारतों का विभाग निहाय सर्वेक्षण कर 15 दिनों में रिपोर्ट देने के आदेश नगर रचना विभाग को दिए गए है। जिन भूखंडों पर अतिक्रमण हुआ है, वहां से अतिक्रमण तुरंत हटाने के आदेश दिए गए है। इसके बाद भी अतिक्रमण हुआ तो उसके लिए पर विभागीय अधिकारी जिम्मेदार होंगे। 

    गुंठेवारी प्लॉट पर अतिक्रमण

    शहर में बड़े तौर पर गुंठेवारी के प्लॉट पर अतिक्रमण किया गया है। विनयनगर स्थित सर्वे नंबर 866/1/1 में अतिक्रमण किया गया है। इस बारे में स्थानीय नागरिकों ने शिकायत करने के बाद भी महानगरपालिका के अतिक्रमण विभाग ने अतिक्रमण नहीं हटाया। दूसरी ओर महानगरपालिका नगर रचना विभाग ने संबंधित बिल्डर को नोटिस भेजी। फिर भी महानगरपालिका का अतिक्रमण विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है। ऐसी ही स्थिति शहर के अन्य गुंठेवारी प्लॉट की है। सातपुर विभाग में सबसे अधिक गुंठेवारी प्लॉट पर अतिक्रमण होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।