Nashik Municipal Corporation
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    नाशिक : आय (Income) बढ़ाने के लिए महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) ने एक बड़ा निर्णय लिया है। महानगरपालिका (Municipal Corporation) ने 2017 में संपत्ति का सर्वेक्षण (Property Survey) किया था, जिसमें 1 लाख 61 हजार संपत्ती अनधिकृत (Unauthorized) होने की बात सामने आई थी। इस संपत्ती को अब टैक्स (Tax) लागू करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय को लेकर माहौल गरम होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। क्योंकि चुनाव की पृष्ठभूमि पर विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा हाथ लगा है।

    गौरतलब है कि महानगरपालिका को राज्य सरकार की ओर से प्राप्त होने वाला जीएसटी अनुदान के अलावा अन्य आय पर बड़े तौर पर विपरीत परिणाम हुआ है। संपत्ती टैक्स में 35 करोड़ रुपए की कमी आई है। 300 करोड़ रुपए की बकाया रकम वसूल करते-करते संपत्ती टैक्स विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों का पसीना निकल रहा है। नगर नियोजन विभाग की आय पर भी बड़े तौर पर विपरीत परिणाम हुआ है। इसके चलते अगले साल विकास कार्य करने के लिए पर्याप्त निधी नहीं है। इसलिए महानगरपालिका प्रशासन ने अनियमित संपत्ती को नियमित करने का निर्णय लिया है।

    2017 में महानगरपालिका ने संपत्ती का सर्वेक्षण किया था, जिसमें 1 लाख 61 हजार संपत्ती में अनधिकृत निर्माण करने की बात सामने आई, जिसे अब संपत्ती टैक्स लगाया जाएगा। इसके चलते महानगरपालिका की आय बढ़ने वाली है। यह निर्णय लेते समय महानगरपालिका प्रशासन ने विपक्ष को नजरअंदाज किया। इसलिए आगामी दिनों में इस निर्णय को लेकर माहौल गरम होगा। क्योंकि चुनाव की पृष्ठभूमि पर विपक्ष के हाथ एक बड़ा मुद्दा लगा है, जिसका वह अवश्य लाभ लेंगे।

    टैक्स दर को लेकर विवाद

    2018 में तत्कालीन कमिश्नर तुकाराम मुंडे ने संपत्ती टैक्स दर में बढ़ोतरी की थी, जो 20 प्रतिशत तक थी। अब अनधिकृत निर्माण को टैक्स लगाते समय नया दर लागू होगा या फिर पुराना दर लागू होगा ? इस मुद्दे को लेकर विवाद होने की संभावना है। इस मुद्दे को हल करने के लिए महानगरपालिका प्रशासन को कसरत करनी होगी।