नाशिक : महानगरपालिका कमिश्नर ने सौंपा स्थाई समिति सभापति को प्रशासकीय बजट, पढ़े इससे जुड़ी बातें

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    नाशिक : आगामी महानगरपालिका चुनाव (Municipal Elections) की पृष्ठभूमि पर पेश किए गए 2022-23 इस आर्थिक वर्ष का 8 करोड़ रुपए का शेष रकम दर्शाने वाला 2 हजार 219 करोड़ रुपए का प्रशासकीय बजट स्थाई समिति सभापति गणेश गिते को महानगरपालिका कमिश्नर (Municipal Commissioner) कैलास जाधव 

    (Kailash Jadhav) ने पेश किया। खामिया शामिल होने वाले इस बजट में कोरोना की पृष्ठभूमि पर टैक्स बढ़ोतरी नहीं की गई है। साथ ही पुख्ता योजनाएं शामिल नहीं की गई है। लेकिन कार्य से अधिक खर्च होने से आगामी वर्ष में नगरसेवक प्रभाग विकास निधी व्यतिरिक्त अन्य कार्य नहीं कर सकते। विवादित उड़ान पूल, शहर बस सेवा के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। 2022-23 इस आर्थिक वर्ष के लिए 53.52 करोड़ रुपए शुरुआत में शेष है। साथ ही 2227.05 करोड़ रुपए जमा और  2219.02 करोड़ रुपए खर्च का मूल बजट पेश किया गया। मूल बजट के तहत अगले आर्थिक वर्ष के लिए शेष 8 करोड़ 3 लाख रुपए दर्शाया गया बजट महानगरपालिका कमिश्नर कैलास जाधव ने पेश किया।

    कोरोना के चलते आय में 300 करोड़ रुपए की कमी आई, जिसका विपरित परिणाम अगले वर्ष के कार्य पर होगा। पिछले वर्ष 239 करोड़ रुपए के नए कार्य निश्चित किए थे। इस साल केवल 85.58 करोड़ रुपए के नए कार्य निश्चित किए है। बीओटी तत्व पर महानगरपालिका संपत्ती विकसित कर 1 हजार करोड़ रुपए की आय मिलने का दावा किया है, जो मुंगेरीलाल के हसीन सपने साबित होगा। आयटी पार्क की ओर जाने वाली सड़कें विकसित की जाएगी, लेकिन लॉजिस्टिक पार्क की ओर ध्यान नहीं दिया गया है।

    बजट में शामिल महत्वपूर्ण मुद्दे

    • हर एक नगरसेवक को 30 लाख का विकास निधी
    • एक प्रभाग के लिए 41.40 करोड़ रुपए
    • शहर के 6 विभाग में होगा स्मार्ट स्कूल
    • मेडिकल कॉलेज के लिए 65 करोड़ रुपए का प्रावधान
    • महानगरपालिका के लिए इलेक्ट्रिक वाहन
    • नए सिरे से निर्माण होने वाले प्रकल्प में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बंधनकारक
    • संपत्ती का जीआयएस मॅपिंग, ड्रोन के माध्यम से सर्वेक्षण
    • गिराया जाएगा पुराना दमकल केंद्र
    • शहर में 106 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन
    • महानगरपालिका चुनाव के लिए 15 करोड़ रुपए का प्रावधान
    • सरकारी कार्यालय में चार्जिंग स्टेशन

    सड़क, उड्डाण पूल, जल और मलवाहिनी, परिवहन, विद्युतीकरण, उद्यान, शिक्षा, चिकित्सा सेवा, कूड़ा संकलन आदि महत्वपूर्ण नागरी सुविधा देते समय समतोल विकास का प्रयास बजट के माध्यम से किया गया है। ई-गव्हर्नन्स का प्रभावी रूप में उपयोग कर सुलभ, पारदर्शक व गतिमान प्रशासकीय कामकाज करने पर जोर दिया जा रहा है। स्मार्ट स्कूल, नमामि गोदा, वैद्यकीय सेवा, आयटी हब विकसित करने के लिए प्राथमिकता दी गई है।

    - कैलास जाधव, कमिश्नर, महानगरपालिका

    ऐसे मिलेगी आय (आंकड़े करोड़ में)

    • जीएसटी अनुदान : 1229.65
    • संपत्ति टैक्स : 170.01
    • नगर रचना शुल्क : 302
    • जल टैक्स शुल्क : 75
    • विज्ञापन और लाइसेंस शुल्क : 3.51
    • ऐसा होगा खर्च (आंकड़े करोड़ में)
    • सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग : 81.04
    • सड़क विकसित करने : 378.60
    • जलापूर्ति व्यवस्थापन : 181.92
    • मलनिस्सारण व्यवस्थापन : 83.54
    • विद्युत विभाग : 52.33
    • कार्यशाला व्यवस्थापन : 10.70
    • बस सेवा : 90
    • सूचना और  तंत्रज्ञान : 2.66
    • गोदावरी संवर्धन और पर्यावरण : 28.88
    • माध्यमिक और  प्राथमिक शिक्षा : 26.38
    • पशुचिकित्सा : 3.20
    • उद्यान : 20.98
    • दमकल विभाग  : 6.41
    • स्वेच्छा निधी  : 16.91
    • प्रभाग विकास निधी  : 41.40