
नाशिक. नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) की आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद प्रशासन ने खर्च को नियंत्रित करने के लिए प्रयास शुरू किए हैं। जून और जुलाई माह में खर्च कितना कम होगा? इस बारे में लेखा विभाग ने सभी विभागों से जानकारी मांगी है। लेखा विभाग के इस निर्णय से कुछ विभाग के करोड़ों रुपए का खर्च नियंत्रित होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
कोरोना (Corona) के चलते महानगरपालिका की आय (Income) लगातार दूसरे साल कम हो गई है। सम्पति टैक्स(Property Tax), जल टैक्स के (Water Tax) साथ अब नगर रचना विभाग की आय भी कम हो गई है। निर्माण कार्य को अनुमति देने के लिए आज तक ऑनलाइन प्रणाली कार्यान्वित न होने से मई माह में नगर रचना विभाग की आय कम हो गई है इसलिए सभी विभागों का खर्च नियंत्रित करने का निर्णय लिया गया है।
300 करोड़ का नुकसान पिछले साल हुआ
पिछले साल मार्च माह में वसूली प्रक्रिया तेज हो रही थी। ऐसे में महामारी का प्रकोप शुरू हुआ। परिणामस्वरूप सम्पति और जल टैक्स वसूल नहीं हो पाया। पिछले साल 300 करोड़ का नुकसान हुआ। आज की स्थिति में कोरोना की दूसरी लहर का विपरित परिणाम आय पर हो रहा है। चालू आर्थिक वर्ष के अप्रैल और मई इन दो माह में महानगरपालिका को सम्पति टैक्स के रूप में 18 करोड़ 38 लाख 26 हजार 144 रुपए में मिले हैं, जिसमें मई माह तक 3 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई। सम्पति टैक्स और जल टैक्स वसूली बकाया के साथ 400 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। सम्पति टैक्स, जल टैक्स के साथ नगर रचना विभाग की आय भी कम हो गई है।
खर्च को ध्यान में रखते हुए वितरित होगी निधि
यूनिफाइड डीसीपीआर से पहले दो माह में 60 से 70 करोड़ आय अपेक्षित थी, लेकिन ऑनलाइन निर्माण कार्य को अनुमति देने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार नहीं हो पाया है। नया सॉफ्टवेयर जल्द से जल्द कार्यान्वित न होने से अनुमति देने की प्रक्रिया धीमी हो गई है। ऐसे में महामारी के चलते निर्माण कार्य पर विपरीत असर हुआ। अनुमति के लिए आने वाले आवेदन की संख्या कम हो गई है इसलिए मनपा ने संभावित आय को देखते हुए खर्च कम करने का निर्णय लिया है। इसके तहत लेखा विभाग ने हर एक विभाग से जून और जुलाई माह में कितना खर्च होगा? इसकी जानकारी मांगी है। खर्च को ध्यान में रखते हुए निधि वितरण का आयोजन किया जाएगा। कुल मिलाकर महानगरपालिका की आर्थिक स्थिति खराब होने की बात अब स्पष्ट हो गई है।
नगरसेवकों के विकास कार्य को ब्रेक?
कोरोना का झटका जीएसटी अनुदान को भी लगा है। केंद्र सरकार द्वारा दिया जाने वाला जीएसटी अनुदान हर माह में 7-8 तारीख तक मिलता है। जून माह में यह अनुदान 15 जून को मिला। इसके चलते नियोजन नहीं हो पा रहा है। एक ओर आय और खर्च का नियोजन किया जा रहा है तो दूसरी ओर मनपा के सत्ताधारी सहित विपक्ष को करोड़ों रुपए खर्च करने का नियोजन कर रहे हैं। इसके लिए कर्ज निकालने की मांग की जा रही है। कुल मिलाकर मनपा की आर्थिक स्थिति को देखें तो नगरसेवकों के विकास कार्य को ब्रेक लगने वाला है।
महानगरपालिका के प्रमुख आय का साधन सम्पति टैक्स, जल टैक्स और नगर रचना विभाग की आय है, जो कोरोना महामारी के चलते प्रभावित हुई है। जीएसटी अनुदान देरी से मिल रहा है इसलिए खर्च का नियोजन नहीं हो पा रहा है। प्रत्येक विभाग को कितने पैसे की जरूरत है, जिसकी रिपोर्ट मांगी गई है।
-नरेंद्र महाजन, मुख्य लेखाधिकारी, नाशिक महानगरपालिका