File - Photo
File - Photo

    Loading

    नाशिक : देश की पहली टियर बेस्ड नियो मेट्रो (Tier Based Neo Metro) चलाने का सम्मान निकट भविष्य में नाशिक को मिलने वाला है, लेकिन नाशिक महानगरपालिका (Municipal Corporation) की मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए नाशिक महानगरपालिका की ओर से इस परियोजना पर पैसा खर्च नहीं किया जाएगा। इस परियोजना की नींव केंद्र-राज्य सरकार (Central-State Government) की 20-20 और विश्व बैंक (World Bank) से प्राप्त 60 प्रतिशत ऋण पर के टिकी हुई है। नाशिक नियो मेट्रो के लिए दो एलिवेटेड रूट (Elevated Route) हैं, जिनमें से एक गंगापुर गांव से नाशिक रोड तक 21 किमी का होगा, इस रूट पर 19 स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। नियो का दूसरा मार्ग गंगापुर गांव से मुंबई नाका तक है और यह 11 किलोमीटर लंबा होगा, इस मार्ग पर 10 स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। मेट्रो नाशिक पुणे सेमी हाई स्पीड की तर्ज पर होगी, एक डिपो नाशिक रोड क्षेत्र में बनेगा, जबकि दूसरा गंगापुर में होगा। 

    नियो मेट्रो की लागत 2,100 करोड़ रुपए 

    नियो मेट्रो के लिए गंगापुर में सात एकड़ जमीन की मांग की गई है। इस सात एकड़ जमीन की तलाश फिलहाल नाशिक महानगरपालिका की ओर से की जा रही है। पूरे नियो मेट्रो की लागत 2,100 करोड़ रुपए है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार की ओर से  220 प्रतिशत निधि दी जाएगी, जबकि शेष धनराशि विश्व बैंक के ऋण के रूप में प्राप्त होगी। उल्लेखनीय है कि नाशिक की इस विशेष परियोजना में नाशिक महानगरपालिका की ओर से कुछ भी खर्च नहीं किया जाएगा। महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से साकार की जाने वाली इस परियोजना की रूपरेखा को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी नाशिक की इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को केंद्र की अधिकृत मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन यह कहा जा रहा है कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इस प्रोजेक्ट का काम शुरू हो जाएगा। गंगापुर- नाशिक रोड मार्ग- इस मार्ग पर गंगापुर गांव, गणपति नगर, श्रमिक नगर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, श्वनेश्वर नगर, ट्रंबक रोड, सातपुर कॉलोनी, सातपुर एमआईडीसी, एसीबी सर्कल, प्राजक्ता नगर, मायको सर्कल, सीबीएस, द्वारका सर्कल, गायत्री नगर, अंबेडकर नगर, नाशिक रोड स्टेशन बनाए जाएंगे। 

    नियो मेट्रो का दूसरा मार्ग – गंगापुर गांव, गणपति नगर, जहान सर्कल, थट्टे नगर, शिवाजी नगर, अशोक स्तंभ, मुंबई नाका, यह मार्ग ग्यारह किलोमीटर लंबा होगा। नाशिक नियो मेट्रो को कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही मेट्रो परियोजना का काम शुरू हो जाएगा। 

    नाशिक निवासियों की निगाहें इस परियोजना की बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। शहर में जल्दी ही नियो मेट्रो पर काम शुरू होगा। इस बीच, केंद्रीय बजट में, निर्मला सीतारमण ने नाशिक मेट्रो के लिए धन आवंटित किया था, इसके बाद महाविकास अघाड़ी सरकार ने भी 20 प्रतिशत सहायता की घोषणा की, पिछले वर्ष काम शुरू होना था, लेकिन कोरोना ने नियो मेट्रो पर काम ठप कर दिया। 

    महानगरपालिका कमिश्नर रमेश पवार ने जानकारी दी है कि सरकार द्वारा हाल ही में नियो मेट्रो के लिए एलाइनमेंट (दिशा) तय किया गया है। महामेट्रो के डिजाइन और प्रस्तावित मार्ग का पिछले वर्ष मार्च में नागपुर में महामेट्रो की तकनीकी टीम की ओर से निरीक्षण किया जा चुका है। टायर आधारित मेट्रो परियोजना पर भी काम अप्रैल और मई में शुरू होने वाला था। लेकिन कोरोना ने काम रोक दिया। नाशिक वासियों में इस कार्य को लेकर काफी उत्सुकता है। 

    नियो मेट्रो के काम के लिए दो एलिवेटेड कॉरिडोर बनाए जाएंगे। 

    यह सेवा नाशिक निवासियों के लिए फायदेमंद होगी और नागरिक इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। देश का पहला हाई स्पीड टियर आधारित एलिवेटेड मेट्रो नियो प्रोजेक्ट नाशिक में जल्दी हो साकार होने जा रहा है, इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को और मजबूती मिलेगी। नाशिक में यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए, एलिवेटेड टियर आधारित मेट्रो चलाने की सिफारिश की गई, क्योंकि शहर में मेट्रो चलाना संभव नहीं है। तदनुसार, टायर बेस मेट्रो सेवा शुरू करने के लिए महामेट्रो की ओर से सर्वेक्षण करने के लिए दिल्ली स्थित राइट्स कंपनी के पास प्रस्ताव भेजा गया था। महामेट्रो ने इस मेट्रो का नाम बदलकर मेट्रो नियो कर दिया। जब नियो मेट्रो बनकर तैयार हो जाएगी तो यहां के लोगों को नियो मेट्रो की यात्रा आनंद लेने का मौका मिलेगा। नाशिक की विकासात्मक प्रगति के लिए नियो मेट्रो को एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी, ऐसा इस परियोजना को साकार करने वालों ने दावा किया है।