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    त्र्यंबकेश्वर: वन्यजीवों की प्रकृति स्वास्थ्य सहित जंगल समृद्धि को बचाने के लिए ब्रह्मगिरी (Brahmagiri) को प्रदूषण (Pollution) के जंजाल से बाहर निकालने के लिए वन विभाग (Forest Department) ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। उप वन संरक्षक के निर्देश के मुताबिक, अब ब्रह्मगिरी पर्वत पर किसी भी प्रकार का प्लास्टिक ले जाना मना (Plastic Ban) है। 

    वन विभाग ने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाते हुए निर्देश जारी किए हैं। वन व्यवस्थापन समिति को प्रोत्साहित कर यह ‘पैटर्न’ सफल होने पर जिले के गढ़-किलों को भी प्लास्टिक से मुक्ति दिलाई जाएगी।

    प्लास्टिक से होते हैं कई नुकसान

    ब्रह्मगिरी परिसर में सुरुंग स्फोट कर निसर्ग की धज्जियां उड़ाने से पर्वत रक्षणार्थ एक साल पहले ‘सेव ब्रह्मगिरी’ अभियान शुरू किया गया था। उत्खननकर्ता की जांच शुरू होने के बाद यह मामला मंत्रालय तक पहुंचा। अभियान के तहत पर्यावरण प्रेमियों ने इको-सेंसिटिव जोन करने की मांग की। इसके बाद कार्रवाई प्रस्तावित की गई। इसके चलते ब्रह्मगिरी परिसर उत्खननकर्ता के चंगुल से बाहर निकला। पर्यावरण प्रेमियों की मांग के अनुसार गढ़-किलों को प्लास्टिक मुक्त करने का सामने आया, जिसे पश्चिम वन विभाग से गंभीरता से लिया क्योंकि प्लास्टिक के चलते प्रकृति की समस्या निर्माण होकर वन्यजीव जंगल क्षेत्र से बाहर जाते हैं। साथ ही वृक्ष बढ़ोतरी में भी समस्या निर्माण होती है। जिसे ध्यान में लेते हुए प्रथम ब्रह्मगिरी प्लास्टिक मुक्त करने का निर्णय लिया गया।

    उल्लंघन होने पर होगी दंडात्मक कार्रवाई

    तैयार किए गए कृति प्रस्ताव के तहत नागरिकों में ब्रह्मगिरी प्लास्टिक मुक्ति को लेकर प्रबोधन किया जाएगा। वन पथक, सफाई कर्मचारी परिसर को प्लास्टिक इकट्ठा करेंगे। ब्रह्मगिरी परिसर में जल्द ही स्वच्छता अभियान कार्यान्वित किया जाएगा। पर्वत क्षेत्र में रोजगार बरकरार रखने के लिए प्लास्टिक के लिए पर्याय खोजा जाएगा। प्लास्टिक फूड के बजाए ताजा भोजन के लिए प्रयास किया जाएगा। प्लास्टिक फूड को कागज में दिया जाएगा। आदेश का उल्लंघन होने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। दंड की रकम गांव विकास के लिए उपयोग में लाई जाएगी। कार्यान्वयन में कमी आने पर नियोजन में बदल किया जाएगा। अभियान के तहत मिले अनुभव के बाद यह कार्य जिले के अन्य गढ़-किलों में किया जाएगा।

    ब्रह्मगिरी और हरिहर किले के प्रवेश शुल्क के माध्यम से पिछले कुछ माह में 5 लाख रुपए संकलित हुए है। इसमें से 50% रकम गांव विकास और शेष रकम गढ़ सुरक्षा कार्य में खर्च की जाएगी। प्लास्टिक मुक्ति पैटर्न यशस्वी कर अन्य गढ़-किलों पर कार्यान्वित किया जाएगा।

    - पंकज गर्ग, उप वन संरक्षक

    प्लास्टिक बंदी का निर्णय सही है। इसके चलते ब्रह्मगिरी परिसर प्लास्टिक मुक्त होगा। इसके लिए पर्यावरणीय संस्था वन विभाग को हर संभव सहयोग करेंगी। प्रबोधन के साथ लिए गए अन्य निर्णय को प्रभावी तौर पर कार्यान्वित करने के लिए प्रयास किया जाएगा।

    - मनीष बाविस्कर, पर्यावरण प्रेमी