शहर निर्माण क्षेत्र को नासिक महानगर पालिका से राहत

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    नासिक : नासिक महानगर पालिका (Nashik Municipal Corporation) के कमिश्नर (Commissioner) और प्रशासक रमेश पवार (Administrator Ramesh Pawar) ने नई शहर विकास नियंत्रण (City Development Control) और प्रोत्साहन नियमावली (Incentive Manual) के अंतर्गत निर्माण कार्य के लिए शुरू होने वाले ऑफलाइन (Offline) अनुमति नीति में बदलाव किया है। इसके तहत अब 300 वर्ग मीटर के निर्माण प्रस्ताव को 30 जून तक एक बार फिर ऑफलाइन अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। जमीन का एकत्रीकरण और उप विभाजन प्रस्ताव में भी इसी नीति का उपयोग किया जाएगा। कामकाज 30 जून तक ऑफलाइन रहेगा क्योंकि ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए बीपीएमएस (BPMS) कंप्यूटर सिस्टम अपडेट पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है। इसके चलते निर्माण क्षेत्र को और सव्वा दो महीने के लिए राहत मिली है। बता दें कि राज्य सरकार ने कंस्ट्रक्शन सेक्टर को ‘बूस्ट’ देने के लिए नए इंटीग्रेटेड एप्रूव्ड डेवलपमेंट कंट्रोल और प्रमोशन रूल्स यानी यूनिफाइड डीसीपीआर लागू किया था। परंतु कोरोना के चलते उसका अपेक्षित लाभ नहीं हो पाया। नया डीसीपीआर (DCPR) होने से सॉफ्टवेअर विकसित होने तक नगर विकास विभाग ने 5 मई 2021 और उसके बाद नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे (Minister Eaknath Shinde) ने 31 दिसंबर तक ऑफलाइन तरीके से निर्माण कार्य को अनुमति देने का निर्णय लिया। यह मुदद खत्म होने के बाद एक बार फिर से ऑनलाइन नीति अपनाई गई। परंतु सॉफ्टवेअर में आने वाली समस्या के चलते शिवसेना द्वारा की गई मांग के बाद ऑफलाइन अनुमति की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके बाद एक बार फिर विकास शुल्क, प्रीमियम और अन्य शुल्क के भुगतान में मुदद को 31 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया गया। दोबारा मुदद बढ़ोतरी की तैयारी शुरू थी, लेकिन महानगर पालिका प्रशासक रमेश पवार ने 11 अप्रैल को नगर रचना विभाग को ऑनलाइन अनुमति देने के निर्देश दिए। केवल पेचिंदा प्रकरण में ही ऑफलाइन अनुमति देने के आदेश दिए। लेकिन ऑनलाइन के लिए जरूरी बीपीएमएस सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होने के कारण शहरी विकास विभाग ने एक बार फिर से ऑफलाइन अनुमति के लिए 30 जून 2022 तक की अवधि बढ़ा दी है।

    इसके बाद महानगर पालिका के कमिश्नर और रमेश पवार ने दोबारा नए आदेश जारी किए, जिसमें ऑफलाइन और ऑनलाइन निर्माण अनुमति के लिए स्पष्ट निर्देश दिए है। इसके तहत 300 वर्ग मीटर तक के प्लॉट धारकों को निर्माण कार्य के लिए अनुमति, भूमि एकत्रीकरण, उप विभाजन के सभी प्रस्ताव ऑनलाइन पेश करने होंगे। 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र के सभी प्रस्तावों को ऑफलाइन स्वीकार किया जाएगा। इस फैसले से शहर के निर्माण क्षेत्र को राहत मिली है।