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    नाशिक: राज्य सरकार के सेंट्रल किचन योजना (Central Kitchen Scheme) अंतर्गत नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) द्वारा प्रतिबंधित 13 में से 7 संस्थाओं का प्रतिबंध उच्च न्यायालय (High Court) ने हटा दिया है।  21 जून तक संबंधित 7 संस्थाओं को शालेय पोषण आहार आपूर्ति का काम देने का निर्देश भी न्यायालय ने दिया है। 21 जून के बाद महानगरपालिका की ओर से कार्यान्वित की जाने वाली टेंडर प्रक्रिया में संबंधित संस्था शामिल हो सकती हैं।  

    गौरतलब है कि विद्यार्थियों को शालेय पोषण आहार आपूर्ति करते समय आहार का दर्जा निकृष्ट होने से महानगरपालिका प्रशासन ने सेंट्रल किचन योजना के अंतर्गत कार्य करने वाली 13 संस्थाओं का डेढ़ साल से काम बंद कर दिया था।  इसके बाद संबंधित संस्थाओं ने शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ से मुलाकात कर महानगरपालिका द्वारा रद्द किए गए कार्य को पूर्ववत शुरू करने के साथ प्रलंबित बिल अदा करने की मांग की थी।  इस बारे में महिला बचत गट सह शिवसेना ने शालेय पोषण आहार आपूर्ति का काम पूर्ववत महिला बचत गटों को देने की मांग करते हुए 13 ठेकेदार संस्थाओं का विरोध किया था।  इसके बाद राज्य के शिक्षा विभाग ने संबंधित 13 संस्थाओं के कामकाज की जांच करने के लिए एक पथक नाशिक भेजा। 

    ठेकेदार के पास मिला था 14 हजार किलो चावल

    इस दौरान पंचवटी परिसर में एक ठेकेदार के पास सरकार का 14 हजार किलो चावल मिला।  इस प्रकरण की जांच करने के लिए शिक्षा विभाग ने 4 सदस्यीय समिति का चयन किया।  समिति के जांच कर रिपोर्ट पेश करने के बाद शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने महानगरपालिका के पोषण आहार आपूर्ति प्रक्रिया पर लगाए गए स्थगन को हटाकर दोबारा प्रक्रिया कार्यान्वित करने के आदेश पिछले माह दिए थे।  इस आदेश के खिलाफ और महानगरपालिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटाकर संस्थाओं को काम मिले और नई टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने के लिए 13 में से 7 संस्थाओं ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, जिसकी सुनवाई में न्यायालय ने संबंधित संस्थाओं पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया।

    21 जून के बाद होगी अंतिम सुनवाई

     21 जून के बाद अंतिम सुनवाई होगी। इसके पहले महानगरपालिका की ओर से कार्यान्वित की जाने वाली टेंडर प्रक्रिया में अन्य संस्थाओं की तरह संबंधित 7 संस्थाओं को शामिल होने के लिए भी अनुमति दी गई है।  7 संस्थाओं को छोड़कर अन्य संस्थाओं का क्या? ऐसा सवाल अब खड़ा हो गया है। 

    इन संस्थाओं को मिलेगा काम

    उच्च न्यायालय में भगूर की सिद्धि एंटरप्राइजेज, शिखर स्वयंरोजगार सहकारी संस्था, उद्दिष्ट संस्था, स्वामी समर्थ महिला बचत गट, छत्रपति स्वयंरोजगार सहकारी संस्था सहित अन्य 2, ऐसी 7 संस्थाओं को शालेय पोषण आहार आपूर्ति करने का काम मिलने वाला है। 

    न्यायालय का निर्णय धक्कादायक है। इस बारे में महानगरपालिका प्रशासन के वकील पैनल ने सत्य स्थिति न्यायालय के सामने नहीं रखी। इसलिए इस निर्णय के खिलाफ महानगरपालिका प्रशासन सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करे। साथ ही संबंधित ठेकेदार संस्थाओं ने रिंग कर एक बार फिर काम हासिल किया है। इस बारे में महानगरपालिका कमिश्नर रमेश पवार से मुलाकात की जाएगी।

    -अजय बोरस्ते, पूर्व विपक्ष नेता, नाशिक महानगरपालिका