Nearly 50% increase in child marriage cases last year: NCRB
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    नाशिक : बाल विवाह (Child Marriage) रोकने के लिए राज्यभर (Statewide) में अनेक योजनाएं अमल में लायी जा रही हैं, लेकिन फिर भी बाल विवाह पर रोक नहीं लग पा रही है। पिछले दो वर्षो में बाल विवाह के प्रतिशत में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है महिला और बालकल्याण विभाग (Child Welfare Department), सेंटर फॉर सोशल एंड बिहेवियर चेंज कमीशन और यूनिसेफ की ओर से जारी की रिपोर्ट में बाल विवाह के विवाह के बारे में जो आंकड़े सामने आए हैं, वे चिंता बढ़ाने वाले हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नाशिक जिले में बाल विवाह का प्रमाण 29.06 है। राष्ट्रीय रिपोर्ट की तुलना में नाशिक में हुए बाल विवाह का जो प्रतिशत आया है, वह चिंता बढ़ाने वाला है। नाशिक के बाल विवाह का जो प्रमाण सामने आया है। वह सर्वाधिक बाल विवाह वाले 15 जिलों में नाशिक का स्थान 11वां है। कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई स्थिति के कारण उदरनिर्वाह की चिंता, शादी का खर्च को देखते हुए गरीब माता-पिता बाल विवाह की ओर उन्मुख हो रहे हैं। 

    राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से बाल विवाह और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।  बाल विवाह सहित बच्चों के शोषण को रोकने के लिए ग्राम स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। हालांकि ये कमेटियां भी नाम मात्र की लगती हैं।  फोटोग्राफरों, मंडप पेशेवरों के लिए शादी की बुकिंग करते समय लड़के और लड़कियों का जन्म प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है। चूंकि कई पेशेवर इस नियम से अवगत नहीं हैं, इसलिए बाल विवाह को रोकना मुश्किल हो गया है। हालांकि चाइल्ड लाइन जैसी सामाजिक संस्थाएं कुछ हद तक बाल विवाह को रोकने में मदद कर रही हैं, फिर भी जिले में बाल विवाह पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है। 

    बाल विवाह राष्ट्रीय औसत के साथ-साथ राज्य के औसत से भी अधिक

    उन्मूलन कार्यक्रम भी अप्रभावी राज्य के कई जिलों में बाल विवाह उन्मूलन कार्यक्रम चल रहा है, इसमें नाशिक भी शामिल है, लेकिन इसके बावजूद यह स्पष्ट है कि नाशिक में बाल विवाह राष्ट्रीय औसत के साथ-साथ राज्य के औसत से भी अधिक है। चौथे और पांचवें फैमिली हेल्थ सर्वे की तुलना में प्रेग्नेंसी को लेकर एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। 15 से 19 वर्ष की आयु की लड़कियों में गर्भावस्था की बढ़ती दर चिंता का कारण है। नाशिक जिले में चौथे सर्वेक्षण के अनुसार यह अनुपात 8.3 प्रतिशत था, जबकि पांचवें सर्वेक्षण में यह 14 प्रतिशत दर्ज किया गया है। वाशिम में पांचवें सर्वेक्षण के अनुसार, यह अनुपात 14.3 प्रतिशत है, इसके बाद राज्य में नाशिक जिले का स्थान है। 

    कोरोना काल के बाद बाल विवाह में वृद्धि हुई है और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक प्रचलन की तस्वीर है। इस संबंध में जन-जागरूकता की आवश्यकता है और बाल शोषण से संबंधित किसी भी घटना के मामले में चाइल्ड लाइन से संपर्क किया जाना चाहिए। -(प्रवीण आहेर, जिला प्रबंधक, चाइल्ड लाइन)

    ज्यादा प्रतिशत वाले जिले

    परभणी     48

    बीड          3.7

    धुलिया      40.5

    हिंगोली     37.1