नाशिक: झमाझम बारिश के चलते गोदावरी नदी (Godavari River) में 5 बार बाढ़ (Flood) आयी। फिर भी नाशिक जिले (Nashik District) में इस साल भयावह जल किल्लत (Water Crisis) महसूस की जा रही है। मेटघर गांव की महिलाएं जान पर खेलते हुए 50 फिट नीचे कुएं (Well) में उतरकर पानी ला रही है, लेकिन कभी भी बांध पर न जाने वाले प्रशासन को इस गंभीर जल किल्लत की जानकारी नहीं है, जिसे लेकर नागरिक सवाल उठा रहे हैं।
सटाणा तहसील के रातीर स्थित क्रोधित ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत कार्यालय को ताला लगाते हुए ग्रामसेवक और सदस्यों को बंधक बनाया। सटाणा तहसील के रातीर, सुराणे, रामतीर आदि देहाती क्षेत्र में टैंकर से जलापूर्ति करने की मांग की जा रही है लेकिन लापरवाह प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। बता दें कि नाशिक जिले के बागलाण, सटाणा परिसर में पानी के लिए महिलाओं को जान दांव पर लगानी पड़ रही है।
जान पर खेलकर पानी निकाल रही महिलाएं
रातीर, सुराणे, रामतीर में सुबह महिलाएं केवल पानी लाने के लिए ही काम करती है। कहीं 4 किलो मीटर तो कहीं 5 किलो मीटर अंतर से पानी लाना पड़ रहा है। पानी नजदीक है, लेकिन कुएं में पानी बहुत ही नीचे चला गया है। नाशिक जिले के मेटघर गांव में तो महिलाओं को कुएं में 50 फिट नीचे उतरकर पानी लाना पड़ रहा है। कुएं में उतरते समय छोटी सी असावधानी भी जान ले सकती है। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने जल्द से जल्द टैंकर से जलापूर्ति करने की मांग की जा रही है। येवला तहसील के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में वनक्षेत्र है। यहां पर बड़े तौर पर हरिण की संख्या है। उनके लिए पानी की व्यवस्था की गई है, लेकिन ममदापूर वन क्षेत्र में पान सूख गया है। परिणामस्वरूप हरिण के साथ अन्य पशुओं को पानी के लिए भटकंती करनी पड़ रही है। उन्हें राहत देने के लिए पानी की व्यवस्था करने की मांग नागरिक कर रहे हैं।
कब पूरी होंगी योजनाएं?
नाशिक जिले के येवला तहसील के देवना सहित 21 योजनाओं को प्रशासकीय अनुमति मिली है। महामारी के चलते लागू किए गए प्रतिबंध के चलते 23 मई 2021 को महामंडल की ओर से राज्य के सभी योजनाओं की टेंडर प्रक्रिया स्थगित की गई है। कोरोना महामारी का असर कम होने के बाद इस स्थगिती को महामंडल ने हटा दिया है। येवला तहसील के देवना जल भंडारण तालाब सहित 21 योजनाओं की राहत आसान हो गई है। इन सभी योजनाओं के लिए सरकार ने 28 करोड़ 15 लाख रुपए का निधि मंजूर किया है। येवला तहसील के अवर्षण प्रवण और सूखे परिसर के राजापूर सहित 41 गांव प्रादेशिक जलापूर्ति योजना को अनुमति दी गई है, परंतु योजना कब पूरी होगी? यह सवाल खड़ा हो गया है।