Uddhav
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मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि हम समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का समर्थन करते हैं, लेकिन जो लोग इसे ला रहे हैं उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि इससे केवल मुसलमानों को परेशानी होगी, बल्कि इससे हिंदुओं को भी परेशानी होगी और कई सवाल उठेंगे।  

मीडिया से बात करते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ने कहा, “हम समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हैं, लेकिन जो इसे ला रहे हैं उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि इससे केवल मुसलमानों को परेशानी होगी, बल्कि इससे हिंदुओं को भी परेशानी होगी और कई सवाल उठेंगे।” इस दौरान उन्होंने देश में गोहत्या पर अंकुश लगाने में भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र की भूमिका पर सवाल उठाया था।

उन्होंने कहा, ” कश्मीर से कन्याकुमारी तक गौहत्या पर प्रतिबंध लगे, क्योंकि गौहत्या पर प्रतिबंध नहीं है। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर खुद कहते थे कि अगर राज्य में गायों की कमी होगी तो हम उन्हें आयात करेंगे।”

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय विधि आयोग (Central Law Commission) ने समान नागरिक संहिता को लेकर लोगों और विभिन्न धार्मिक संगठनों से सुझाव मांगे हैं। इस पर बोलते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि उनका इस पर समर्थन तो है, लेकिन इससे जुड़े मुद्दे हैं, उस पर भी चर्चा हो और उसका हल निकालें।

क्या है समान नागरिक संहिता?

समान नागरिक संहिता का अर्थ है सभी नागरिकों के लिए एक समान नियम। यानी देश में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा, वह चाहे फिर किसी भी धर्म या जाति का हो। इसके लागू होने पर शादी, तलाक, जमीन जायदाद के बंटवारे सभी में एक समान ही कानून लागू होगा। जिसका पालन सभी धर्मों के लोगों को करना अनिवार्य होगा।