Electrification

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पुणे: सोलापुर विभाग में अगस्त 2014 में मनमाड-पुणतांबा – साईंनगर शिर्डी (Manmad – Puntamba – Sainagar Shirdi) 73 रूट किमी (RKM) के पहले विभाग का विद्युतीकरण (Electrification) किया गया था। अब मध्य रेलवे (Central Railway) सोलापुर विभाग ने 976 किमी मार्ग का 100 प्रतिशत रेलवे विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया है। सोलापुर विभाग के मध्य रेलवे के अंतिम नॉन-इलेक्ट्रीफाइड सेक्शन के तौर पर औसा रोड-लातूर रोड (52 RKM)का 23 फरवरी को विद्युतीकरण किया गया। 

इस विद्युतीकरण के कारण सोलापुर विभाग का 3116 किलो लीटर डीजल, वार्षिक 35.48 करोड़ रुपए की बचत होगी। जो  कुर्डुवाडी-लातूर विभाग के 8,268 टन कार्बन फुटप्रिंट की बचत के समान है।

प्रदूषण में आएगी कमी 

भारतीय रेल को दुनिया की सबसे बड़ी हरित रेलवे बनाने के लिए मिशन मोड में काम हो रहा है। 2030 से नेट जीरो कार्बन एमिटर बनाने की दिशा में काम हो रहा है। भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए रेलवे को यात्रियों के आधुनिक वाहक और माल ढुलाई के लिए पर्यावरणपूरक, कार्यक्षम, किफायती, समयपालन के सर्वांगीण दृष्टिकोण से बनाया जा रहा है। रेल विद्युतीकरण का वेग, जो पर्यावरण के अनुकूल है और प्रदूषण को कम करता है, 2014 से 9X की तेजी  से बढ़ा है। रेलवे ने ब्रॉडगेज मार्ग का विद्युतीकरण नियोजित किया है। इसके कारण डीजल ट्रैक्शन को हटाना सुलभ हो जाएगा। परिणामस्वरूप  कार्बन फुटप्रिंट एवं पर्यावरणीय प्रदूषण में गिरावट आएगी।

विद्युतीकरण के फायदे

  • पर्यावरण-अनुकूल आवागमन का साधन
  • आयात किए डीजल पर निर्भरता कम हुई, जिसके कारण विदेशी मुद्रा की बचत
  • कार्बन फुटप्रिंट में कमी आएगी
  • कम ऑपरेटिंग खर्च
  • भारी माल ढुलाई ट्रेन और इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव उच्च क्षमता के यात्री ट्रेन में वृद्धि
  • कर्षण बदलाव के कारण होनेवाले /विलंब को कम कर विभागीय क्षमता को बढ़ाता है