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पुणे: पुणे महानगर परिवहन महामंडल (PMP) के ड्राइवरों और कंडक्टरों (Drivers and Conductors) के खिलाफ शिकायत (Complaint) करने की जानकारी गोपनीय रखने की जरुरत होने के बावजूद एक मामले में शिकायत करने वाली यात्री की जानकारी सामने आ गई थी। इसके बाद पीएमपी प्रशासन नींद से जागी है। इसके खिलाफ सख्त कदम उठाया है। आगे से शिकायतकर्ता के नाम का खुलासा होने पर प्रशासन ने सभी पीएमपी डिपो प्रमुखों को कार्रवाई की चेतावनी दी है।

पीएमपी का ड्राइवर बस चलाते वक्त फोन पर बात करने की शिकायत एक यात्री ने पीएमपी के शिकायत निवारण केंद्र से की थी। इसके बाद शिकायतकर्ता का मोबाइल नंबर संबंधित ड्राइवर को मिल गया और इसके बाद ड्राइवर द्वारा उस यात्री को फोन कर धमकी देने की घटना सामने आई थी। शिकायतकर्ता की जानकारी गुप्त रखने की आवश्यकता होने के बावजूद उसकी जानकारी सामने आई थी। इससे बड़ी घटना हो सकती है। इसे लेकर कई न्यूज पेपर में खबर छपी थी। शिकायतकर्ता की जानकारी बाहर न आए इसलिए कार्रवाई और उपाय करने की आवश्यकता थी।

क्या कहा गया है आदेश में

शिकायत करने वाले का फोन नंबर, ई-मेल गोपनीय रखना आवश्यक है। इसलिए किसी भी परिस्थिति में शिकायत करने वाले यात्री का फोन नंबर को गोपनीय रहे इसका ध्यान डिपो प्रमुख रखें। शिकायतकर्ता की जानकारी बाहर आने पर कार्रवाई की जाएगी।

ध्यान देने की जरुरत

शहर में पीएमपी की तरफ से 1,800 बसों के जरिए 389 मार्गो पर सेवा दी जाती है। पीएमपी के ड्राइवर बस स्टॉप के आगे या पीछे बस रोकते है। फोन पर बात करते है। बस स्टॉप पर बस नहीं रोकी जाती है। इस तरह की शिकायतें बस यात्रियों द्वारा की जाती है। शिकायतकर्ता पीएमपी के आंख और कान की तरह काम करते है। इसलिए शिकायतकर्ता की जानकारी बाहर नहीं आए इसका ध्यान रखना जरुरी है। यह राय पीएमपी के अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर व्यक्त की है।