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    पुणे: पिछले दो हफ्ते से पुणे शहर (Pune City) औऱ जिले में हुई भारी बारिश (Heavy Rain) से जिले के सभी 26 बांधों (Dams) में अधिक जल का संग्रह हो गया है। जिले में टाटा (TATA) के पांच बांधों को छोड़कर शेष 26 बांधों में कुल जल संग्रह 120.74 टीएमसी के स्तर को छू गया है। जो कुल जल क्षमता का 60.88 प्रतिशत है। अगर तुलना करें तो पिछले वर्ष की इस तारीख तक जिले के बांधों के जल संग्रह में इस वर्ष लगभग तीन गुना इजाफा हुआ है।

    पुणे जिले में कुल 26 छोटे-बड़े बांध हैं। इसमें उजनी, भामा आसखेड, मानिकदोह, चासकमान, पवना, मुलशी, टेमघर, वरसगांव, पानशेत, गुंजवानी, नीरा देवधर, भाटघर, वीर आदि प्रमुख बांध शामिल हैं। इन सभी बांधों की कुल अनुमानित उपयोगी भंडारण क्षमता 217.86 टीएमसी है। इसमें से पिछले साल 200.97 टीएमसी पानी का इस्तेमाल किया गया। परिणामस्वरूप केवल 16.89 टीएमसी जल संग्रह बचा था। इस मानसून के दौरान जून महीने के अंत तक पिंपलगांव जोगे, मुलशी, टेमघर और नाझरे बांध पूरी तरह  से सूख गए थे।  इसके अलावा, उजनी में उपयोगी जल भंडार शून्य पर आ गया था, ऐसा जल संसाधन विभाग द्वारा जारी बांध भंडारण सांख्यिकी रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ था।

    पुरंदर का नाझरे बांध अभी भी सूखा

    जुलाई के महीने में हुई मूसलाधार बारिश से जिले के बांधों के जल भंडार में इजाफा हुआ है। पिछले साल की इस तारीख तक जिले के बांधों में कुल 42.66 टीएमसी पानी बचा था। यानी पिछले साल का जल भंडार केवल 21.51 प्रतिशत था। यह अब काफी हद तक बढ़कर 121 टीएमसी हो गया। इसमें पुणे शहर को पीने के पानी की आपूर्ति करनेवाले खड़कवासला बांध के साथ कलमोडी और आंद्रा बांध ओवर प्लो हो चुके हैं। वहीं, पुरंदर तालुका में स्थित नाझरे बांध अभी भी सूखा पड़ा है।

    टाटा के बांध 56 प्रतिशत भरे

    टाटा के मुलशी, ठोकरवाडी, शिरोटा, वलवण और लोनावला आदि पांच बांधों में फिलहाल 23.74 टीएमसी पानी जमा हो गया है। इसमें मुलशी बांध में 12.76 टीएमसी, ठोकरवाडी में 6.5 टीएमसी, शिरोटा में 2.63 टीएमसी, वलवण में 1.44 टीएमसी और लोनावला में 0.33 टीएमसी पानी भंडार है। इन बांधों में जल संग्रहण की यह मात्रा 55.81 प्रतिशत हो गई है।