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    मुंबई: देश के सबसे लंबे सी ब्रिज (Sea Bridge) मुंबई ट्रांसहार्बर लिंक (Mumbai Transharbour Link) के निर्माण में तेजी आई है। मुंबई (Mumbai) से नवी मुंबई (Navi Mumbai) को जोड़ने वाले बहुउद्देशीय एमटीएचएल का लगभग 85 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। जापान सरकार (Japan Govt.) की वित्तीय संस्था जेआईसीए की मदद से एमएमआरडीए समुद्र के ऊपर 21.8 किलोमीटर का देश का सबसे बड़ा पुल बना रहा है।

    शिवडी से नावाशेवा और आगे मुंबई-पुणे हाइवे को जोड़ने वाली यह परियोजना एमएमआर में गेम चेंजर साबित होने वाली है। एमएमआरडीए के कमिश्नर एसवीआर श्रीनिवास नियमित रूप से एमटीएचएल की कार्य समीक्षा कर रहे हैं।

    जमीन पर पूरा हुआ स्पैन

    चिरले की तरफ पैकेज-2 के तहत जमीन पर 2.7 किलोमीटर का स्पैन पूरा हो गया है। यहां कूल 49 स्पैन लगाए गए हैं। इसके अलावा पैकेज-1 और 3 का काम भी लगभग 85 प्रतिशत हुआ है। कमिश्नर श्रीनिवास के अनुसार, इस ब्रिज को अक्तूबर  2023 तक खोलने का लक्ष्य रखा गया है। देश के सबसे लंबे सी ब्रिज के 21.8 किमी हिस्से में से 15.5 किलोमीटर समुद्र के ऊपर होगा। मुंबई ट्रांस हार्बर पर 6 लेन का पुल बन रहा है। यह बहुउद्देशीय परियोजना मुंबई और नवी मुंबई के बीच कनेक्टिविटी में मील का पत्थर साबित होगी।

    विस्तार के लिए लगेंगे 2650 करोड़ रुपए

    मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) का विस्तार मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे तक किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस विस्तार के लिए एमएमआरडीए को लगने वाली लगभग 2,650 की अतिरिक्त राशि कर्ज के रूप में लिए जाने को मंजूरी दी गई है। एमएमआरडीए के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, विस्तार की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। नगर विकास विभाग ने एमएमआरडीए को चिरले से मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे तक एमटीएचएल के प्रस्तावित विस्तार के लिए 2 प्रतिशत ब्याज पर लगभग 2650  करोड़ रुपए का कर्ज लिए जाने को हरी झंडी दी है।

    मुंबई से नवी मुंबई 15 मिनट में

    एमटीएचएल के शुरू होने पर मुंबई से नवी मुंबई की दूरी मात्र 15 मिनट में तय की जा सकेगी। यह ब्रिज चिरले में उतरेगा। इससे उलवे, उरण से लेकर वाशी-पनवेल तक आवागमन में तेजी आएगी। इसके अलावा 6 किलोमीटर लिंक-वे बना कर इसे पुणे एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा। इस योजना से यात्रियों को बिना ट्रैफिक में फंसे दक्षिण मुंबई के वर्ली से सीधे पुणे पहुंचने में मदद मिलेगी।