Ajit-Pawar
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    पिंपरी : राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार पिंपरी-चिंचवड शहर (Pimpri-Chinchwad City) में पधारे विपक्षी नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) ने शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Government) की जमकर खबर ली। चिंचवड में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अपने पौने घंटे के भाषण में तंज-व्यंग्य, टिका-टिप्पणियों और आरोपों से राज्य सरकार और बीजेपी को आड़े हाथ लिया। नगर अध्यक्ष जनता से निर्वाचित करने के फैसले पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि नगर अध्यक्ष ही क्यों महापौर से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री भी जनता द्वारा निर्वाचित किया जाय। महानगरपालिका के अधिकार कमिश्नर को, जिला परिषदों के अधिकार सीईओ को, तालुका पंचायतों के अधिकार बीडीओ, मंत्रियों के अधिकार सचिवों को दिये गए अब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को चाहिए कि वे अपने अधिकार भी मुख्य सचिव को सौंपे और घर चले जाएं।

    कैमरे देखकर दौरा करने वालों में से हम नहीं

    राज्य में केवल एक व्यक्ति का ही मंत्रिमंडल है, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तो बिना विभाग के उपमुख्यमंत्री हैं। पूरे राज्य में प्रशासन ठप्प पड़ा है। ‘कहाँ लाकर रख दिया महाराष्ट्र हमारा’ यह सवाल पूछने की नौबत लाकर रख दी है। वीडियो, कैमरे देखकर दौरा करने वालों में से हम नहीं हैं, यह कहकर पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की खिल्ली उड़ाई। मावल तालुका में एक सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। ऐसे नराधम पैदा ही कैसे होते हैं? यह संतप्त सवाल उठाकर अजीत पवार ने नाराजगी जताई कि इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली इन घटनाओं में ध्यान देने वाला राज्य सरकार का कोई भी नहीं है। ऐसे अपराधियों को आठ दिन में फांसी का कानून होना चाहिए। इतनी विदारक घटना, सरकार के पास ध्यान देने के लिए समय नहीं है। देश चलाने के लिए टैक्स जरूरी लेकिन जिसके पास है उनसे लें, जिनकी रोजी रोटी का सवाल है उन पर कैसे टैक्स लाद सकते हैं?

    गठबंधन को लेकर फैसला राज्य स्तर पर होगा

    अजीत पवार ने कार्यकर्ताओं को ‘घर घर राष्ट्रवादी’ का मंत्र देते हुए कहा कि सत्तान्तर होते रहता है, ना उम्मीद न हो। ढाई साल कोरोना, उद्धव ठाकरे सरकार ने लोगों को राहत दी। कोरोना का संकट टला, मगर अब स्वाइन फ्लू का संकट आया है। लापरवाही न बरतें, सावधान रहें। स्थानीय निकायों के चुनाव होने नहीं दिए जा रहे, ये लोकशाही के लिए मारक है। तीन का प्रभाग चार कर दिया, आबादी के प्रमाण में बढ़ाई गई नगरसेवकों की संख्या कम कर दी गई। जनता के मन मे आया तो वह किसी भी सत्ता को पलटकर रख देती है। सरकार का यह फैसला अदालत में टिकेगा या नहीं पता नहीं, लेकिन आप सतर्क और तैयार रहें क्योंकि चुनाव कभी भी हो सकते हैं। आज चुनाव के ट्रेंड बदल गए हैं। उसे ध्यान में लेना होगा। बदलते समय, लोगों की बदलती जरूरतों के अनुसार वचन नामा में बदल होने चाहिए। वार्ड वार सूक्ष्म निरीक्षण रखें। गठबंधन के बारे में राज्य स्तर पर निर्णय होगा, स्थानीय स्तर पर स्थानीय नेताओं से चर्चा के बाद निर्णय होगा। पिछले महानगरपालिका चुनाव में विरोधियों ने बदनामी कर सत्ता हासिल करने में सफलता प्राप्त की। मगर खुद विरोधी भी मानते हैं कि राष्ट्रवादी ने ही पिंपरी-चिंचवड का विकास किया फिर भी उसे सत्ता से बेदखल होना पड़ा। पवार ने राज ठाकरे का नाम लिए बिना उनके बयान का आधार लेकर यह बात कही। स्मार्ट सिटी के नाम पर प्रशस्त सड़कें फुटपाथ के आकार की बनाई जा रही हैं। यह मनमानी, भ्रष्टाचार लोगों तक पहुंचाए। मेहनत और संघर्ष के बिना कुछ नहीं मिलता, यह सबक भी उन्होंने राष्ट्रवादी के कार्यकर्ताओं को दिया।