Pimpri-Chinchwad Court

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    पिंपरी : पिंपरी-चिंचवड कोर्ट भवन (Pimpri-Chinchwad Court Building) के निर्माण का मामला, जो पिछले 10 वर्षों से धन (Money) और राजनीतिक इच्छाशक्ति (Political Will) की कमी के कारण लंबित था, आखिरकार सुलझा लिया गया है। राज्य सरकार (State Government) की ओर से कोर्ट भवन निर्माण (Court Building Construction) के लिए 105.77 करोड़ रुपए के व्यय की प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, शीघ्र ही आगे की कार्यवाही प्रारंभ की जायेगी।

    पिंपरी-चिंचवड शहर के मोशी में एक भव्य न्यायालय भवन का निर्माण प्रस्तावित है। शहर की आबादी करीब 27 लाख है। कई कोर्ट केस पेंडिंग हैं। हालांकि, यहां अदालत के पास अभी भी अपना भवन नहीं है। इसलिए, कानूनी क्षेत्र से नाराजगी का स्वर था। इस बीच, बार एसोसिएशन की मांग के अनुसार पिंपरी-चिंचवड कोर्ट के लिए एक वैकल्पिक जगह उपलब्ध कराई गई, जहां से कामकाज शुरू है। हालांकि प्रस्तावित भवन का काम गति नहीं पकड़ पा रहा था। लिहाजा विधायक लांडगे ने सरकार के पास कोशिशें शुरू कर दी।

    9 मंजिलों और 26 कोर्ट हॉल के साथ पिंपरी-चिंचवाड़ कोर्ट का निर्माण होगा 

    राज्य सरकार ने आखिरकार अदालत भवन के लिए सकारात्मक रुख अपनाया। कोर्ट में कुल 9 फ्लोर होंगे। विधि और सामाजिक न्याय विभाग द्वारा प्रथम चरण में कुल 4 मंजिलों और 26 न्यायालय कक्षों की सभी सुविधाओं से युक्त भवन निर्माण के लिए 105.77 करोड़ रुपए के व्यय की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। इस निधि से मोशी में कुल 9 मंजिलों और 26 कोर्ट हॉल के साथ एक विशाल पिंपरी-चिंचवड कोर्ट भवन का निर्माण किया जाएगा। इनमें रेन रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग, फर्नीचर, फायर फाइटिंग सिस्टम, पार्किंग स्थल, एयर कंडीशनिंग सिस्टम, निकासी, सीसीटीवी शामिल हैं। कोर्ट के लिए नई बिल्डिंग बनाने के काम में अब तेजी आएगी। कोविड महामारी और महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान शहर में कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं ठप पड़ी हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार शहर में परियोजनाओं को गति मिल रही है। – महेश लांडगे, विधायक और शहर अध्यक्ष बीजेपी 

    महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान फंड के अभाव में भवन का निर्माण रुका हुआ था

    पिंपरी-चिंचवड कोर्ट भवन का मामला पिछले 10 साल से लंबित है। पिंपरी-चिंचवड कोर्ट की स्थापना 1 मार्च 1989 को हुआ था। हालांकि अभी तक भवन निर्माण की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान फंड के अभाव में भवन का निर्माण रुका हुआ था। उस दौरान विधायक महेश लांडगे की पहल पर कोर्ट को पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के माध्यम से नेहरूनगर में वैकल्पिक स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया था। विधायक लांडगे ने वहां के फर्नीचर के लिए 8 करोड़ रुपए का फंड भी मुहैया कराया। अब राज्य सरकार निर्माण कार्य में तेजी लाएगी, यह संतोषजनक है। हम मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से आग्रह करेंगे कि भवन का भूमि पूजन जनवरी माह में करा दिया जाए। – एड. अतिश लांडगे, अध्यक्ष, महाराष्ट्र और गोवा नोटरी एसोसिएशन