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हर पल दुर्घटना की आशंका

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  • नानगांव में जान जोखिम में डालकर वाहन चला रहे लोग

पुणे: हातवलन (hatwalan) (तहसील दौंड) में भीमा नदी पर बने बैराज (Barrage) पर नागरिक खतरनाक (dangerous) यात्रा (Travel) कर रहे हैं। इस तटबंध से दिन-रात चारपहिया और दोपहिया वाहन गुजरते हैं। बांध के ऊपर बने पुल पर रेलिंग नहीं होने के कारण दुर्घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए यहां सुरक्षा दीवार बनाने की मांग की जा रही है। 

दौंड और शिरूर तहसील से बहने वाली भीमा नदी पर पानी को रोकने के लिए बांधों का निर्माण किया गया है। पानी के भंडारण के अलावा, इन बांधों का उपयोग दौंड और शिरूर तहसील के लोगों को परिवहन के लिए भी किया जाता था। लेकिन नागरिक इस तटबंध के ऊपर से चार पहिया वाहन ले जा रहे हैं, जिससे यह मार्ग यातायात के लिए खतरनाक हो गया है।  कई स्थानों पर, तटबंध को शुरू में लोहे की रेलिंग लगाई गई थी। समय के साथ यह रेलिंग टूट गई हैं और वर्तमान में तटबंधों पर कोई सुरक्षात्मक रेलिंग नहीं हैं। 

 
 
तटबंध पर दिनोंदिन यातायात बढ़ता जा रहा है। दोपहिया और चारपहिया वाहनों का आवागमन हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर ट्रैफिक खतरनाक होता जा रहा है और इसके कारण पहले भी कई जगहों पर छोटी-मोटी दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। यहां का बांध हातवलन (तहसील दौंड) और सादलगांव (तहसील शिरूर) दो गांवों को जोड़ता है। इस बांध से बड़ी मात्रा में यातायात भी होता है। 
 
इस तटबंध पर एक समय में केवल एक ही चार पहिया वाहन चल सकता है। हालांकि, चार पहिया वाहन से यात्रा करते समय दोपहिया वाहन चालकों को एक तरफ खड़ा होना पड़ता है। तटबंध के एक तरफ खड़ा होना भी खतरनाक है क्योंकि तटबंध पर कोई सुरक्षात्मक रेलिंग नहीं है। एक तरफ नदी में पथरीला भाग और दूसरी तरफ पानी से भरी नदी की तलहटी यात्रा करते समय डर का एहसास कराती है। इस स्थान पर रेलिंग लगाने की मांग उठ रही है।