पुणे: महाराष्ट्र (Maharashtra) अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की पुणे जिला कार्यकारिणी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मांग (Demand) की कि संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ अवैज्ञानिक और अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले दावे और टिप्पणियां करने वाले बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के बाबा धीरेन्द्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) के खिलाफ केस (Case) दर्ज किया जाना चाहिए।
एक राजनीतिक दल के पदाधिकारी ने पुणे में सोमवार से बुधवार तक तीन दिनों तक बागेश्वर बाबा का सत्संग और दरबार कार्यक्रम आयोजित किया है। ‘अंनिस’ के पदाधिकारियों ने कहा कि हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।
संस्था के पदाधिकारी विशाल विमल ने कहा कि किसी अजनबी के अतीत में जो बातें घटित होती हैं। वह हू-ब-हू कागज पर अंकित हो जाती हैं। जानता है कि लोगों के मन में क्या चल रहा है। रावण से फोन पर बात होती है। रोग ठीक करता है। भूत मुर्दे को भगा देता है। नींबू से संतुष्टि मिलती है। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री अपने कार्यक्रम के जरिए दावा करते हैं कि वह भगवान के दूत हैं। वह संतों के बारे में भी अपमानजनक बयान देते हैं। विमल ने कहा, यह सब संविधान विरोधी और अवैध है। इस अवसर पर संस्था के पुणे जिला पदाधिकारी एकनाथ पाठक, पुणे शहर शाखा पदाधिकारी भोसले, प्रतीक पाटिल उपस्थित थे।
क्या है अंनिस की मांगें
सरकार को संविधान विरोधी दावे और टिप्पणी करने वाले बाबाओं के खिलाफ जादू-टोना विरोधी कानून, ड्रग्स और जादू अधिनियम और इसी तरह के कानूनों के तहत कार्रवाई करनी चाहिए। अंनिस वैज्ञानिक जानकारी, वैज्ञानिक दृष्टिकोण फैलाने के लिए काम कर रही हैं, उन्हें सरकारी तंत्र द्वारा समर्थन दिया जाना चाहिए। अंनिस की चुनौती स्वीकार करें। सरकार को आयोजकों को पुणे में होने वाले कार्यक्रम का वीडियो शूट करने का निर्देश देना चाहिए। यदि प्रचलित कानूनों के साथ असंगत बयान, टिप्पणियां, बयान, चेतावनियां, कार्य होता है, तो बाबा के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
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