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    पुणे : शहरी गरीब योजना (Urban Garib Yojana) के तहत हॉस्पिटलों (Hospitals) को पेमेंट (Payment) करने में होने वाली देरी, फर्जी योजना के कार्ड बनाकर होने वाली दांधली रोखने के लिए और इस योजना को गतिशील बनाने के लिए पुणे महानगरपालिका प्रशासन (Pune Municipal Administration) ने शहरी गरीब योजना के लाभार्थियों को डिजिटल कार्ड (Digital Card) देने का निर्णय लिया है। उसके साथ हॉस्पिटल के बील भी ऑनलाइन मंगवाकर उनका पेमेंट ऑनलाइन ही किया जाएगा। इसकी तैयारी अंतिम चरण में है। यह जानकारी महानगरपालिका कमिश्नर विक्रम कुमार ने दी। 

    पुणे महानगरपालिका द्वारा 12 वर्षों पहले शहरी गरीब योजना शुरू की गई थी। एक लाख रुपए वार्षीक आय रहने वाले शहर के नागरिकों के लिए एक लाख रुपए तक और कैंसर के मरीजों के लिए दो लाख रुपए की आर्थिक मदद इसके जरिए दी जाती है। इसके लिए शहर के 70 से अधिक हॉस्पिटल निर्धारित किए गए हैं। यहां पर नागरिकों के इलाज के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। अब तक इस योजना का लाभ हजारो पुणेवासियों ने उठाया है। 

    हलाकीं, पिछले कुछ दिनों से योजना का विस्तार होने के दौरान शहरी गरीब योजना के कार्ड फर्जी बनाए जाने का मामला सामने आया था। उसके साथ एक ही बीमारी के लिए अलग-अलग हॉस्पिटलों में अलग शुल्क वसूलने, हॉस्पिटलों से बिल आने के बाद उनकी पड़ताल और हॉस्पिटलों का पेमेंट करने में होने वाली देरी, कार्ड लेने के लिए महानगरपालिका भवन में होने वाली भीड़ इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस योजना में और आसानी लाने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग करने का निर्णय प्रशासन द्वारा लिया गया है। इसके तहत हर शहरी गरीब योजना के लाभार्भी को डिजिटल कार्ड दिया जाएगा। उनके आधारकार्ड से यह कार्ड जोड़ा जाएगा, ऐसा कमिश्नर विक्रम कुमार ने बताया। 

    फर्जी कार्ड बनाने पर लगेगी रोक  

    कार्ड निकालने के लिए महानगरपालिका भवन में होने वाली भीड़ कम करने हेतु हर क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर कार्ड निकालने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही इस योजना के लाभार्थियों को लॉग-इन आईडी दी जाएगी। इससे वह डिजिटल रूप में महानगरपालिका को बिल भेज सकते हैं। इससे महानगरपालिका भी बिलों का पेमेंट ऑनलाइन कर सकेगी। इसमें होने वाली देरी नागरिकों को समय बचाने में मदद होगी। उसके साथ इसके कारण फर्जी कार्ड बनाने पर रोक लगेगी। इसके लिए सॉफ्टवेयर में मरीजों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। साथ ही विभिन्न बीमारियों के लिए हॉस्पिटलों द्वारा लिए जाने वाले अलग-अलग शुल्क पर भी नजर रखना आसान हो जाएगा, ऐसा विक्रम कुमार ने बताया। 

    नगरसेवक और कर्मचारियों को भी दिए जाएंगे कार्ड

     महानगरपालिका के कर्मचारी और नगरसेवकों के इलाज का खर्च महानगरपालिका द्वारा किया जाता है। इसमें महानगरपालिका में बिल पेश करने के बाद महानगरपालिका द्वारा बिल अदा किए जाते हैं। नगरसेवक और महानगरपालिका कर्मचारियों के इलाज के लिए इंश्‍योरेंस कंपनी की मदद ली जाएगी। इसके लिए विशेष सलाहकार नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस योजना के तहत नगरसेवकों और महानगरपालिका कर्मचारियों को अलग से डिजिटल स्वास्थ्य कार्ड दिए जाएंगे, ऐसा विक्रम कुमार ने बताया।