Bullock Cart Race

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पिंपरी: देश के किसान बलिराजा (Farmers) के प्रिय विषय बैलगाड़ी दौड़ (Bullock Cart Race) पर लगे प्रतिबंध (Ban) को पूरी तरह से हटाने का ऐतिहासिक फैसला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लिया है। इसके लिए लंबी लड़ाई लड़नेवाले बीजेपी के पिंपरी-चिंचवड़ शहर अध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे (MLA Mahesh Landge) ने इस फैसले का स्वागत करते हुए उसे किसानों, भूमिपुत्रों और बैलगाड़ी स्वामियों के साथ बलिराजा को समर्पित किया हैं।

बैलगाड़ी दौड़ पर लगे प्रतिबंध को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। एक साल पहले कोर्ट ने बैलगाड़ी दौड़ को सशर्त अनुमति दी थी। हालांकि पांच जजों की बेंच के समक्ष आधिकारिक सुनवाई चल रही थी। देश भर के किसान, बैलगाड़ी मालिक इस अदालती लड़ाई को जीतने के लिए इस फैसले की ओर देख रहे थे जो आंशिक रूप से जीता गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के कानून पर संतोष जताया

विधायक महेश लांडगे ने अखिल भारतीय बैलगाड़ी संघ के माध्यम से महाराष्ट्र से बैलगाड़ी दौड़ के लिए जन आंदोलन आयोजित करने की पहल की। तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सकारात्मक रुख के चलते राज्य सरकार ने बैलगाड़ी दौड़ शुरू करने के लिए विधानमंडल में एक कानून का मसौदा तैयार किया थाम साथ ही बैलों की दौड़ने की क्षमता पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक समिति नियुक्त की गई। वह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के कानून पर संतोष जताया है।

SC में दायर की गई थी दो याचिकाएं 

विशेष रूप से, अखिल भारतीय बैलगाड़ी संघ और महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर की गई थी। महाराष्ट्र सरकार की ओर से विशेषज्ञ वकीलों की नियुक्ति की गई। साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्वयं बैलगाड़ी संगठनों के वकीलों के भारी भरकम खर्च को निजीकृत करने की स्थिति संभाली। बैलगाड़ी संघ के संदीप बोदगे ने बताया कि पिछले 11 वर्षों के संघर्ष के बाद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट में बैलगाड़ी दौड़ पर से प्रतिबंध हटा लिया गया है और किसानों से जुड़े इस खेल को हमेशा के लिए जारी रखने का रास्ता साफ हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट में इस लड़ाई के दौरान कई लोगों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से योगदान और सहयोग किया है। प्रदेश में बलीराजा आज का दिन सही मायने में मनाने जा रहे हैं। बैलगाड़ी दौड़ सिर्फ एक खेल नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र में हमारी ग्रामीण संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। मैं राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अखिल भारतीय बैलगाड़ी संघ के सभी पदाधिकारियों, बैलगाड़ी के शौकीनों और इस लड़ाई में सबसे अधिक योगदान देने वाले गाड़ी प्रेमियों को बधाई देता हूं। अगले दौर में महाराष्ट्र के इस पर्व को मनाएं और कृषि-भूमि-संस्कृति के लिए प्रतिबद्ध हों।

-महेश लांडगे, अध्यक्ष और विधायक, बीजेपी, पिंपरी-चिंचवड़